किसान अधिकार यात्रा के तहत किसानों को एकजुट करने का प्रयास जोरों शोरों से किया जा रहा है. राष्ट्रीय किसान महासंघ के नेताओं ने बुलंदशहर के मैडोना गांव में रात्री को विश्राम करके दिन में बुलंदशहर के ही बीबीपुर गांव में आयोजित जनसभा में हुंकार भरी. किसान नेताओं ने खेती से जुड़ी कई मुद्दों पर चर्चा की और सरकार की किसान विरोधी नीतियों के बारे में जनता को बताया. जनसभा के दौरान कई किसान नेताओं ने किसानों के बीच अपनी बात रखी.
पंजाब से किसान नेता जगजीत सिंह ने विशेष रुप से किसान आत्महत्या का मुद्दा उठाया कहा कि "हमारे देश में पिछले 20 साल में 5 लाख किसानों ने आत्महत्या की है, यह हमारे देश के लिए एक कलंक है". इसके बाद किसानों के बीच अपनी बात रखते हुए राष्ट्रीय किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि "अगर हमें देश में खेती और किसानों को बचाना है तो कश्मिर से कन्याकुमारी तक सभी किसानों को एकजुट होना पड़ेगा उसके बाद ही किसानों की मांग मानी जा सकती है."
वहीं किसान नेता सुरेश कोथ ने सरकार पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लेकर हमला बोला और कहा कि " पहली कलम से स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने वाली सरकार की कलम 4 साल तक नहीं उठी". उत्तर प्रदेश से किसान नेता हरपाल सिंह ने मौजूदा सरकार की तथ्यों के साथ कई तरह के आरोप लगाए. वहीं जनसभा में मौजूद किसान महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि "देश में जो किसानों की आत्महत्या हो रही है वो आत्महत्या नहीं बल्कि सरकार की गलत नीतियों के षड्यंत्र के कारण हुई हत्या है".
बता दें की जनसभा के समापन के बाद यात्रा चंदौसी में विश्राम के लिए रवाना हुई और दसवें दिन संभल में यात्रा की जाएगी.
सोर्स : अभिमन्यु कोहाड़
जिम्मी (पत्रकार कृषि जागरण)
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