रांची जिले के चान्हो प्रखंड के चोरेया गांव के निवासी (किसान) नंद किशोर साहू (नंदू) कृषि वैज्ञानिको की सलाह के अनुसार सफ़ल खेती करके अपनी आय चार गुना तक बढ़ा ली है। नंदू के इस तरह सफल खेती करने के प्रयास को बिरसा बिस्वविद्यालय ने सराहा है और उनके इस सफल खेती से प्रभावित होकर करके उनको सम्मानित भी किया है. सफल किसान नंदू ने बताया की वह सिर्फ 12 तक ही पढ़ाई किया है. नंदू ने बताया की वे आठ साल से 1 एकड़ की जमीन पर खेती करते हुए आ रहे है. सफल किसान नंदू का कहना है की उनका गुजरा इतनी कम भूमि पर खेती करके नहीं हो रहा था. उन्होंने कहा की उनको इस तरह खेती करने की पहली प्रेणा ऒरमाझी जिले के पंचा गांव के एक किसान बैधनाथ महतो से मिली है. हम महतो के ही सलाह पर खेती करना प्रारम्भ किया और मेरा खेती में रूचि बढ़ने लगी. और खेती में हमें लाभ भी मिलाने लगा.साल 2016 में उनकी खेती को देख के बीएयू कृषि बैज्ञानिको ने उनके खेत का सफल निरक्षण किया और इसी निरक्षण ने हमारी परम्परागत खेती को बदले उन्नंत खेती तकनिकी से अच्छा लाभ मिलने लगा.
फिर उसके बाद से नंदू कृषि वैज्ञानिकों से लगातार संपर्क में रहकर उन्नत खेती तकनीकों के बारे में बड़े पैमाने पर जाना विस्तृत रूप से जाना. गांव में ही साढ़े चार एकड़ जमीन लीज पे ले लिया और वैज्ञानिकों के द्वारा दिखाए हुए मार्ग पर परिवार में पत्नी और बच्चों की मदद से खेती करना शुरू किया. कृषि अभियांत्रिकी वैज्ञानिक डॉ प्रमोद राय के मार्गदर्शन में ड्रिप सिंचाई एवं प्लास्टिक मल्चिंग तकनीक से शिमला मिर्च, टमाटर, करैला, फ्रेंचबीन, धनिया, तीता मिर्च एवं तरबूज की खेती करने लगे. ड्रिप सिंचाई एवं मल्चिंग तकनीक से धनिया एवं टमाटर की खेती और इसी तकनीक से तरबूज की खेती में गाय के मूत्र के उपयोग से उन्हें बड़े पैमाने पर फायदा होने लगा. नंदू बताते हैं कि उनके द्वारा उत्पादित टमाटर की मांग कोलकाता एवं बांग्लादेश के बाजारों में काफी ज्यादा है. स्थानीय रांची बाजार की तुलना में चार से पांच गुणा ज्यादा की कीमतों में बिकता है.
नंदू ने कहा कि फूलगोभी, बंधगोभी, आलू, चना और सरसों फसल की भी उन्नत तकनीक से खेती शुरू की है. विवि की कृषि वैज्ञानिक डॉ मनिगोपा चक्रवर्ती ने कृषि विविधिकरण एवं स्वीट कॉर्न की खेती, डॉ सीएस सिंह ने जैविक खेती, डॉ कमलेश कुमार तथा डॉ सबिता एक्का ने पौध रोग एवं कीट प्रबंधन की तकनीकी सलाह दी, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी.
सफल किसान नंदू ने बतया कि फूलगोभी, बंधगोभी, आलू, चना और सरसों फसल की खेती भी उन्नत तकनीक से करना चालू किया कर दिया। विवि की कृषि वैज्ञानिक डॉ मनिगोपा चक्रवर्ती ने कृषि विविधिकरण एवं स्वीट कॉर्न की खेती, डॉ सीएस सिंह ने जैविक खेती, डॉ कमलेश कुमार तथा डॉ सबिता एक्का ने पौध रोग एवं कीट प्रबंधन की तकनीकी सलाह दी, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी.
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