उत्तराखंड के बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने कर्ज के रूप मे करीब ढाई हजार करोड़ रुपए का तोहफा दिया है. यह पैसा पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में करीब 14 प्रतिशत से ज्यादा है. खास बात यह है कि इसमें 9 करोड़ रुपए का अनुदान भी शामिल है.
बैंको के लिए करोड़ों रुपए पुनर्वित्त
इस संबंध में उत्तराखंड क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. ज्ञानेंद्र मणि ने जानकारी दी है कि बैंको के लिए 1352.86 करोड़ रुपए पुनर्वित्त किया गया है. इसके तहत अल्पकालीन के लिए 926.25 करोड़ रुपए, दीर्घकालीन के लिए 426.61 करोड़ रुपए और सहकारी बैंक, ऊधमसिंह नगर जिला सहकारी बैंक को सहायता के रूप में 655 करोड़ रुपए राज्य दिए गए हैं.
राज्य सरकार को सहायता
राज्य सरकार को आधारभूत ढांचा विकास निधि और वेयर हाउस ढांचा निधि के तहत 527.32 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है. इस साल नाबार्ड ने ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि और सूक्ष्म सिंचाई के तहत 194 नई योजनाएं स्वीकृत की हैं. बता दें कि अब तक 9498.72 करोड़ में से 7919.60 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं.
दो परियोजनाओं के लिए 82.32 करोड़ रुपए
इसके साथ ही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 14.85 करोड़ रुपए दिए गए हैं. इसके साथ ही 163 चाय बागानों में सिंचाई, पिटकुल को 400 केवी डीसी लाइन की दो परियोजनाओं के लिए 82.32 करोड़ रुपए दिए हैं.
बताया गया है कि नाबार्ड द्वारा वर्ष 2020-21 के दौरान मुर्गी पालन, भेड़ पालन और डेयरी गतिविधियों वाले पांच नए एफपीओ स्वीकृत किए गए हैं. राज्य सहकारी बैंक को 670 पैक्स को कंप्यूटरीकृत करने के लिए 5 करोड़ रुपए की सहायता स्वीकृत की गई है. इसके अलावा नाबार्ड ने उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक में बिजनेस डायवरसीफिकेशन एंड प्रॉडक्ट इनोवेशन प्रकोष्ठ की स्थापना के लिए 66 लाख रुपए की सहायता स्वीकृत की है.
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