
NABARD: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने हाल ही में अपनी स्थापना के 44 साल पूरे होने के अवसर पर कई महत्वपूर्ण योजनाओं और डिजिटल पहलों की शुरुआत की. इस मौके पर तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें नाबार्ड के अध्यक्ष शाजी के. वी., वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू और तमिलनाडु के मुख्य सचिव एन. मुरुगनंदम ने भाग लिया.
इस कार्यक्रम में ग्रेजुएटेड रूरल इनकम जनरेशन प्रोग्राम (GRIP) की शुरुआत की गई, जिसे ग्रामीण गरीब परिवारों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को वापसी योग्य सब्सिडी और क्षमता निर्माण के ज़रिये औपचारिक आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा जाएगा. GRIP को ग्रामीण आजीविका को मज़बूत करने की दिशा में एक ठोस पहल माना जा रहा है.
CoLab पोर्टल भी हुआ लॉन्च
इस मौके पर नाबार्ड का CoLab पोर्टल भी लॉन्च किया गया. यह एक ओपन डिजिटल इनोवेशन प्लेटफॉर्म है, जो फिनटेक, एग्रीटेक और डिजिटल सॉल्यूशंस को एक मंच पर लाकर उन्हें ग्रामीण भारत से जोड़ने का काम करेगा. नाबार्ड के प्रवक्ता के अनुसार, कोलैब पोर्टल नवाचार को बढ़ावा देगा और इसमें भाग लेने वाले साझेदारों के लिए एक संगठित, पारदर्शी और सुलभ प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा. इसके ज़रिए सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (SHGs), किसान उत्पादक संगठन (FPOs), NGO और सहकारी बैंकों को तकनीकी और वित्तीय सहायता मिलेगी.
नाबार्ड का आधिकारिक व्हाट्सएप चैनल हुआ शुरू
इस आयोजन में नाबार्ड के आधिकारिक व्हाट्सएप चैनल की शुरुआत भी की गई, जिससे नाबार्ड की योजनाओं और सूचनाओं की सीधी पहुंच ग्रामीण जनता तक संभव हो सकेगी. इसके साथ ही, नाबार्ड ने ‘निवारण’ नामक एक शिकायत समाधान प्रणाली की भी घोषणा की. यह प्रणाली विशेष रूप से ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिए विकसित की गई है. निवारण एक 24x7 डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा, जो बैंकिंग सेवाओं से संबंधित शिकायतों के निवारण और शासन प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा.
इसके अलावा, नाबार्ड ने लेह, लद्दाख में अपने सब-ऑफिस का उद्घाटन भी किया, जिससे इस क्षेत्र में भी विकास की गति को तेज करने की योजना है. इन सभी पहलों के ज़रिए नाबार्ड ने एक बार फिर ग्रामीण भारत के विकास और डिजिटलीकरण में अपनी भूमिका को और मजबूत किया है.
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