बाज़ार में इस सप्ताह सरसों तेल के दामों में आई गिरावट ने लोगों को काफी राहत दी है. फार्च्यून, धारा और बाज़ार में अन्य बड़ी कंपनियों ने प्रति लीटर पर 10 से 15 रूपये तक की कटौती भी की है. इसके साथ ही विदेशी बाज़ारों में भी तेल दामों में गिरावट देखने को मिल रही है. आपको बता दें कि बाज़ार में तेल के दामों में आई यह गिरावट देश के निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए बड़ी रहत की बात साबित हो सकती है.
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इस सप्ताह सरसों के भाव
प्रेस में उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, मंडियों में सरसों की आवक कम है, लेकिन फिर भी बाज़ार में सरसों कि मांग में गिरावट देखने को मिली है. इसके कारण सप्ताह के अंत में सरसों तेल-तिलहन की कीमतें घटकर कुछ इस प्रकार हो गयी हैं...
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इस सप्ताह में सरसों तेल में 200 रुपये गिरावट देखी गयी है और नए भाव की बात करें, तो यह 15,100 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया है.
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वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 30-30 रुपये से घटकर 2,365 से 2,445 रुपये हो गया है. वहीं 2,405 से 2,510 रुपये प्रति 15 किलो पर बंद हुई है.
तेल का आयत भी है गिरावट की वजह
भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा तेल आयत(oil import) करने वाला देश है. मई महीने की बात करें, तो भारत ने 6,60,000 टन पाम तेल(palm oil) का आयत किया है, जिसके चलते तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा सूरजमुखी के कच्चे तेल पर घटाया गया आयात शुल्क भी तेल के घटते दामों की बड़ी वजह हो सकती है.
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