खाद्य तेल की कीमतों (Vegetable Oil) में अक्सर उतार-चढ़ाव बना रहता है लेकिन रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच चल रही लड़ाई के चलते इसकी कीमतों में उछाल तेज़ी से देखने को मिला है. लेकिन आम जनता के लिए केंद्र सरकार ने एक राहत भरी ख़बर दी है.
दरअसल, केंद्र सरकार (Central Government) ने 20 लाख मीट्रिक टन कच्चे सोयाबीन (Soyabean Oil) और सूरजमुखी के तेल (Sunflower Oil) के आयात (Import) के सीमा शुल्क और कृषि बुनियादी ढांचे के विकास उपकर (Tax) में छूट दी है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को बहुत जरूरी राहत देना है.
वित्त मंत्रालय की घोषणा के अनुसार, यह आदेश 25 मई, 2022 को प्रभावी होगा और 31 मार्च, 2024 को समाप्त होगा. हालांकि, अगस्त तक भारत के खाद्य तेलों का स्टॉक (Edible Oil Stock) पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग 16% कम था.
सीबीआईसी के मुताबिक "दो साल की अवधि के लिए, केंद्र सरकार ने कुल 20 लाख मीट्रिक टन कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के आयात को सीमा शुल्क और कृषि अवसंरचना और विकास उपकर (Agricultural Infrastructure and Development Tax) की शून्य दर पर मंजूरी दी है. इससे उपभोक्ताओं को बहुत लाभ होगा".
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यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब भारत के खाद्य तेल की कीमतों (Edible Oil Prices) में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है. भारत वनस्पति तेल के विश्व के शीर्ष आयातकों में से एक है, जो अपनी आवश्यकताओं के 60% के लिए आयात पर निर्भर है.
जहां एक ओर यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (Russia Ukraine War) के बाद से खाद्य तेल की कीमतों में उछाल आया हुआ है. वहीं भारत मुख्य रूप से यूक्रेन और रूस से सूरजमुखी तेल का आयात करता है. ऐसे में, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार ने फरवरी में कहा था कि कच्चे पाम तेल (Palm Oil) पर कृषि कर 12 फरवरी, 2022 से 7.5 प्रतिशत से घटाकर 5% कर दिया जाएगा.
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