अधिकतर किसानों को अपनी फसल को मंडियों में बेचने के लिए बिचौलियों का सह्रारा लेना पड़ता है, क्योंकि फसल की बिक्री अगर समय पर नहीं हुई तो फसल के ख़राब होने का डर रहता है.
इस डर की वजह से किसान भाई बिचौलियों को उनके मन मुताबिक कीमतों पर अपने फसल को बेच देते हैं. जिसके चलते किसानों को अपनी फसल से अच्छा मुनाफा नहीं मिल पाता. ऐसे में केंद्र सरकार ने किसानों को इन सभी मुसीबतों से छुटकारा दिलाने के लिए फसलों को ऑनलाइन बेचने का एक प्लेटफार्म प्रदान किया जिसे ई- नाम पोर्टल यानि राष्ट्रीय कृषि बाज़ार के नाम से जाना जाता है.
राष्ट्रीय कृषि बाज़ार किसानों के लिए एक ऐसा सरल रास्ता है जहां किसानों को अपनी फसल को बेचने के लिए किसी बिचौलियों की जरुरत नहीं पड़ेगी साथ ही फसल से कीमत भी अच्छी प्राप्त हो होगी.
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी यह राष्ट्रीय कृषि बाज़ार पोर्टल यानि ई नाम पोर्टल देश भर के किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है. साल 2016 में शुरू की गयी यह कृषक बाज़ार योजना से फसलों की गुणवता में बढ़ोत्तरी हो रही है साथ ही किसानों को व्यवसाय का भी अवसर मिल रहा है.
इसे पढ़ें - खुशखबरीः e-NAM Portal से जोड़ी जा रही तमाम अन्य सुविधाएं, किसानों को होगा और अधिक मुनाफा
इ–मंडी के तहत बीते छह सालों में 18 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों की 1000 मंडियों को सफलतापूर्वक एकीकृत किया गया है. इ- मंडी से अब तक 1.73 करोड़ से अधिक किसान, 2 लाख व्यापारी और 2000 एफपीओ पंजीकृत हुए हैं. अब तक इस पोर्टल से 1.87 लाख करोड़ का कारोबार नही जुड़ चूका है.
यह ई-नाम पोर्टल देश के कोने-कोने में अपनी पहुंच बना रहा है. ई-नाम पोर्टल से कृषि उत्पादों को बेचेने के राष्ट्रीय स्तर पर बाज़ार उपलब्ध हो रहा है. इससे मिलने वाले फायदों को देख देश भर के किसान इस पोर्टल से जुड़ रहे हैं.
Share your comments