हिंदुस्तान ऊर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की सिंदरी, गोरखपुर और बरौनी परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए 1257.82 करोड़ रुपए के ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था के वास्ते 8 सितंबर को केन्द्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा, उर्वरक विभाग के अतिरिक्त सचिव तथा एचयूआरएल के प्रबंध निदेशक की उपस्थिति में एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते पर उर्वरक विभाग की ओर से निदेशक निरंजन लाल और एचयूआरएल की ओर से प्रबंध निदेशक अरुण कुमार गुप्ता ने हस्ताक्षर किए.
इस समझौते के तहत भारत सरकार ने एचयूआरएल को कुल 1257.82 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने को मंजूरी दी है. जिसमें से 422.28 करोड़ रुपए गोरखपुर, 415.77 करोड़ रुपए सिंदरी और 419.77 करोड़ रुपए बरौनी परियोजनाओं के लिए हैं. एचयूआरएल को 2022-23 की 8 वर्ष की अवधि में यह ऋण चुकाना होगा.इस अवसर पर बोलते हुए गौड़ा ने कहा कि एचयूआरएल की तीन इकाइयों को ब्याज मुक्त ऋण की मंजूरी, देश के किसानों की यूरिया आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यूरिया के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण की परिणति है.
उन्होंने कहा कि ब्याज मुक्त ऋण जारी होने से वर्ष 2021 तक नीम लेपित यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने के लिए गोरखपुर, बरौनी और सिंदरी के संयंत्रों को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि कोविड के कारण विभिन्न बाधाओं का सामना करने के बावजूद-गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी संयंत्रों की भौतिक प्रगति क्रमश 80.3 प्रतिशत, 74.2 प्रतिशत और 72.8 प्रतिशत के साथ संतोषजनक रही. संयंत्रों के चालू हो जाने के साथ ही देश में नीम लेपित यूरिया का उत्पाद 38.1 एलएमटी हो जाएगा. यह यूरिया के आयात की निर्भरता को कम करेगा. यह भारत सरकार के "आत्मनिर्भर भारत" अभियान में भी मदद करेगा और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा.
13 जुलाई 2016 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में एफसीआईएल की गोरखपुर और सिंदरी इकाइयों और एचपीसीएल की बरौनी इकाई को पुनर्जीवित करने के लिए इन्हें मिलाकर एक संयुक्त उद्यम गठन करने की मंजूरी दी थी. इसके अनुसार ही एक संयुक्त उद्यम कंपनी, हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) बनाई गई जिसमें नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) में से प्रत्येक की हिस्सेदारी 29.67 प्रतिशत है जबकि फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के मामले में है, यह 10.99 प्रतिशत है. एचयूआरएल गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी में तीन गैस आधारित यूरिया विनिर्माण इकाइयां स्थापित कर रहा है. प्रत्येक संयंत्र की क्षमता 12.7 एलएमटी प्रति वर्ष है.
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