‘मिलेट गिवअवे’ केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रवर्तित एक सोसायटी, लघु किसान कृषि-व्यवसाय संघ द्वारा चलाया जा रहा एक विशेष विपणन अभियान है. इस अभियान के तहत, एसएफएसी का उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों की सहायता करने के उद्देश्य से सीधे एफपीओ (कृषक उत्पादक संगठन) किसानों से खरीदारी को बढ़ावा देना है.
मोटे अनजा को प्रोत्साहित करने का काम करेगा ‘मिलेट गिवअवे’
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के लघु किसान कृषि-व्यवसाय कंसोर्टियम की प्रबंध निदेशक डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी के मुताबिक, नागरिकों को ओएनडीसी के माई स्टोर के माध्यम से मोटे अनाज बेचने वाले एफपीओ से सीधे खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जो भारतीय विक्रेताओं के लिए भारत में निर्मित कनेक्टेड मार्केटप्लेस है.
गिवअवे अभियान तीन मुख्य क्षेत्रों की सहायता करता है –
यह एफपीओ किसानों से प्रत्यक्ष रूप से खरीदने के लिए आम जनता को प्रेरित करता है. खरीदारों को शुद्ध और प्रामाणिक उपज मिलती है और उनकी खरीद से वे छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका की सहायता करते हैं.
खरीदारों को यह अनुभव होता है कि ओएनडीसी के माई स्टोर प्लेटफॉर्म का उपयोग करना कितना सरल है.
बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष 2023 में बाजरा पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, यह अभियान अधिक लोगों को बाजरा खाने के लिए प्रोत्साहित करता है.
एफपीओ से कर्नाटक के किसानों की जीवनशैली में आया बदलाव
डॉ. कौर ने एक उदहारण देते हुए 2 मार्च, 2021 को स्थापित हुलसूर महिला किसान मिलेट्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि यह फसल की खेती, बागवानी, किसानों को सहायता और सेवाएं प्रदान करने में शामिल है. एफपीओ के परिणामस्वरूप कर्नाटक के हुलसूर ब्लॉक के किसानों की जीवनशैली में दीर्घकालिक बदलाव आया.
एफपीओ में शामिल होने से पहले, किसान पारंपरिक खेती के तरीकों का उपयोग करके विभिन्न फसलों की पारंपरिक किस्मों की खेती करते थे. इसने मोटे अनाजों को इन किसानों के फसल विभागों में नई फसल के रूप में जोड़ा. एफपीओ ने हाल ही में अपना खुद का इनपुट शॉप स्थापित किया है, जहां सदस्य कम कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक और अन्य इनपुट खरीद सकते हैं.
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