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MFOI 2023: जहर उगल रही रासायनिक और जैविक खेती, कृषि को बचाना है तो प्राकृतक खेती पर जोर दें किसान- आचार्य देवव्रत

MFOI: गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आज के दौर में सबसे ज्यादा फायदेमंद खेती अगर कोई है तो वह प्राकृतिक खेती है. उन्होंने कहा कि प्रकृतिक खेती करने से जमीन का ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ता है. जिससे पैदावार भी अच्छी होती है.

बृजेश चौहान
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत.
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत.

MFOI 2023: मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड में मुख्य अतिथि के रूप में प्रधारे गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने पहले सत्र में प्रकृतक खेती पर अपने विचार रखे. देवव्रत ने किसानों को "राजाओं का राजा" कहकर संबोधित किया और उन्हें मंच पर अपने बगल में बैठने के लिए आमंत्रित किया. किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 'किसान राजाओं का राजा है' ऐसे में उन्हें खास अहमियत दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं भी एक किसान हूं और खुद भी खेती करता हूं. मुझे इस कार्यक्रम में आने पर बेहद खुशी महसूस हो रही है और देश भर के किसानों को इतना सम्मान देने के लिए मैं एमसी डोमिनिक और शाइनी डोमिनिक को बधाई देता हूं.

जैविक खेती ग्लोबल वार्मिंग को दे रही बढ़ावा

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आज के दौर में सबसे ज्यादा फायदेमंद खेती अगर कोई है तो वह प्राकृतिक खेती है. ग्लोबल वार्मिंग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते जलवायु परिस्थितियां तेजी से बदली हैं. यह कृषि और किसान दोनों के लिए बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते किसानों पर खास प्रभाव पड़ा है और फसल उत्पादन क्षमता में भी कमी आई है.

इस दौरान उन्होंने जैविक खेती से होने वाले नुकसानों के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि जैविक खेती में जो खाद इस्तेमाल की जाती है उससे मीथेन निकलती है, जो ग्लोबल वार्मिंग के मुख्य कारणों में से एक है. उन्होंने कहा कि एक समय पर वह खुद जैविक खेती किया करते थे. लेकिन उन्हें इसके अच्छे परिणाम नहीं मिले. इसके बाद उन्होंने काफी रिसर्च की और प्रकृतिक खेती की ओर अपने कदम बढ़ाए. आचार्य देवव्रत ने कहा कि शुरुआत में उन्होंने 5 एकड़ से प्रकृतिक खेती की शुरुआत की थी. धीरे-धीरे उन्होंने खेती का दायरा बढ़ाया और आज वह 200 एकड़ भूमि पर खेती करवा रहे हैं.

रसायनों के इस्तेमाल से जहर उगल रही धरती

उन्होंने कहा कि रासायनिक खेती से धरती और बंजर होती जा रही है. ज्यादा उपज और उदपना के लिए किसान ज्यादा से ज्यादा युरिया-डीएपी का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन, उदपना बढ़ने के बजाए लगातार घट रहा है. उन्होंने कहा कि आज स्थिति ऐसी है की धरती जहर उगल रही है. धरती से जहर हमारे खाने में आ रहा है और वहां से हमारे शरीर में. जिस वजह से लोगों में बिमारियां बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि रासायनों का इस्तेमाल न केवल खाने को जहरीला बना रहा है, बल्कि पानी को भी दूषित कर रहा है. उन्होंने कहा कि आज न हवा जीने लायक बची है और न पानी पीने लायक बचा है.

आचार्य देवव्रत ने बताया कैसे बढ़ाएं पैदावार?

उन्होंने कहा कि अगर किसानों को पैदावार बढ़ानी है तो उन्हें प्रकृतिक खेती को अपनाना होगा. उन्होंने कहा कि प्रकृतिक खेती करने से जमीन का ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ता है. जिससे पैदावार भी अच्छी मिलती है. उन्होंने किसानों को अच्छी उपज के लिए खेतों में गाय के गोबर का उपयोग करने की सलाह दी. उन्होंने किहा कि अगर आप सही विधि अपनाएंगे तो आपको अच्छी पैदावार मिलेगी.

English Summary: MFOI 2023 Chemical and organic farming are increasing poison in the fields farmers should emphasize on natural farming to save agriculture said Acharya Devvrat Published on: 06 December 2023, 03:39 PM IST

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