इस योजना के माध्यम से, उत्तर भारतीय राज्यों चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले औषधीय पौधों की खेती करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान किया जा रहा है. राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड और आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, जोगिन्द्रनगर (RCFC NR1) NMPB द्वारा संचालित क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र ईच्छुक किसानों को शिगरू, अश्वगंधा, सर्पगंधा, कालमेघ, अशोक, तिमरु जैसी महत्वपूर्ण औषधीय पौधों के पौधे और बीज प्रदान कर रहे हैं.
यह फॉर्म भरना है जरूरी
यह फॉर्म 20 जुलाई 2023 तक स्वीकार किया जाएगा. आपको इसमें अपना नाम, संपर्क विवरण, आवश्यक पौधों की संख्या आदि जानकारी प्रदान करनी होगी. यदि आपकी मांग अगले वर्ष के लिए है, तो इसका भी उल्लेख करना अत्यंत आवश्यक है. योजना के तहत उपलब्ध कराए जा रहे पौधे और बीज उच्च गुणवत्ता के हैं और उत्पादन में आपकी सहायता के लिए पूरी तरह से उपयुक्त हैं. आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग आरोग्य और संतुलन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण होता है और इस योजना के माध्यम से यह आपको अवसर प्रदान किया जाएगा कि आप इन पौधों की खेती कर अपनी इनकम में वृद्धि कर सकें.
यदि आपके पास इस योजना के बारे में किसी भी प्रकार के प्रश्न हैं, तो आप विशाल (7018162661) और शीतल चंदेल (7876244102) से संपर्क कर सकते हैं. आप इन्हें ईमेल भी कर सकते हैं: [email protected] और [email protected]. इन माध्यमों से आप इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही इससे संबंधित किसी भी जानकारी को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.
उठायें योजना के लाभ
उत्तर भारतीय राज्यों के किसानों को औषधीय पौधों की उच्च गुणवत्ता वाली खेती करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान किया जाता है. इस योजना से किसानों को आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वावलंबी बनाने में मदद मिलती है. आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग आरोग्य बढ़ाने और संतुलन को पुनर्स्थापित करने में महत्वपूर्ण होता है, जो इस योजना के माध्यम से किसानों को भी लाभ पहुंचाता है.
प्रक्रिया:
- योजना में शामिल होने के लिए, किसानों को आवेदन करना होगा.
- आवेदन के लिए उचित फॉर्म को भरना होगा, जिसमें नाम, संपर्क विवरण, आवश्यक पौधों की संख्या आदि जानकारी प्रदान की जाएगी.
- आवेदन फॉर्म को निर्धारित तिथि तक जमा करना होगा.
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इस प्रकार, उत्तर भारतीय राज्यों के किसानों को राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के केंद्रों के माध्यम से औषधीय पौधों की उच्च गुणवत्ता वाली खेती करने का अवसर मिल रहा है. यह योजना उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करती है और स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है. इसके लिए, उच्च गुणवत्ता के पौधे और उत्पादन प्रक्रिया में वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है.
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