किसांन आंदोलन को लेकर दिल्ली से उठने वाली विरोध की लपटे अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई है. एक के बाद एक इंटरनेशनल सेलिब्रिटीज द्वारा इस मुद्दे को छेड़ने के कारण अब आखिरकार भारत सरकार को आगे आना पड़ा है.
भारत के आंतरिक मामलों में बाहरी लोगों को नहीं बोलना चाहिए
बता दें कि किसान आंदोलन में बाहरी लोगों को दखल न देने का संकेत देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत के आंतरिक मामलों पर बोलने से लोगों को बचना चाहिए.
बाहरी लोगों को बिना सोचे कुछ बोलना गैर जिम्मेदाराना
इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने अपने एक बयान में कहा कि 'सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और कमेंट्स के चक्कर में विदेश के हस्तियों का बोलना गैर जिम्मेदाराना है.' बता दें कि विदेश मंत्रालय का यह जवाब ऐसे समय में आया है जब पॉप सिंगर रिहाना समेत कई बड़े कलाकार भारत सरकार पर सवाल उठा चुके हैं.
तथ्यों की जांच जरूरी
अपने बयान में मंत्रालय ने ये भी कहा है कि बिना सोचे किसी तरह की टिप्पणी करने से पहले लोगों को तथ्यों का पता लगाना चाहिए और मुद्दों की उचित समझ के बाद ही किसी विषय पर बोलना चाहिए. भारत में इन कानूनों को संसद में पूर्ण बहस और चर्चा के साथ पास किया गया है.
अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छाया किसान आंदोलन
दरअसल, रिहाना समेत कई विदेश के कई बड़े सेलिब्रिटीज ने इस आंदोलन का समर्थन किया है, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी इस विरोध प्रदर्शन को कवर करने लगी है. सरकार को सबसे अधिक आपत्ति रिहाना की एक पोस्ट से है, जिसमें वो दिल्ली और उसके आस-पास के कई क्षेत्रों में इंटरनेट बंद करने पर भारत सरकार का विरोध कर रही है. रिहाना ने अपने पोस्ट में लिखा है कि 'हम में से कोई इस बारे में (इंटरनेट बंद किए जाने को लेकर) कुछ बात क्यों नहीं कर रहा है.
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