विगत तीन माह से कृषि कानूनों पर एतराज जता रहे किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. आंदोलनकारी किसान सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, मगर सरकार अपना रूख साफ कर चुकी है कि किसी भी कीमत पर इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा, लेकिन हां.. अगर किसान इन कानूनों में कुछ संशोधन चाहते हैं, तो हम इसके लिए तैयार हैं, मगर उससे पहले उन्हें यह तय करना होगा कि उन्हें कृषि कानूनों के किन प्रावधानों से आपत्ति है, लेकिन अभी तक इतने दौरे की वार्ता मुकम्मल होने के बावजूद भी आंदोलनकारी किसान यह बताने मे नाकाम रहे हैं कि उन्हें कानूनों के किन प्रावधानों से आपत्ति है. आंदोलनकारी किसान सीधे इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जिसके चलते सरकार और किसानों के बीच गतिरोध अभी-भी कायम है.
शहीद हुए किसानों को मिला सम्मान
वहीं, आज पंजाब के रोपड़ खेल मैदान में आयोजित किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में शामिल हुए किसानों के परिजनों को सम्मान देने हेतु उन पर फूल बरसाए गए. आंदोलन में शामिल हुए किसानों को नमन किया गया. शहीद हुए 21 किसानों के परिवारों को सोने के सिक्के देकर सम्मानित किया गया. तीन दिवसीय आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का आज पहला दिन था.
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग
कार्यक्रम में शामिल हुए किसान नेता बलवीर सिंह ने एक बार फिर से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हमें अब यह सुनिश्चित करना है कि हमारे किसानों भाइयों का बलिदान व्यर्थ न जाए. वहीं, किसान नेता अब स्पष्ट कर चुकी है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती, तब तक हमारा यह आंदोलन जारी रहेगा। खैर, अब आगे चलकर यह विवाद कहां जाकर विराम लेता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.
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