मणिपुर के काले चावल, जिसे चाक-हाओ भी कहा जाता है. मणिपुर में इस चावल की खेती तकरीबन 45,000 हेक्टेयर में की जाती है. इस सुगन्धित पहाड़ी काले चावल की अलग देशों में बढती मांग को लेकर मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने एक अहम कदम उठाया है, सरकार द्वारा लिया गया वो अहम कदम क्या है, जानने के लिए पढ़िए इस लेख में.
दरअसल, यूरोप में इनदिनों मणिपुर के काला चावल की काफी मांग बढ़ रही है. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से बढती मांग को लेकर मणिपुर सरकार ने इम्फाल में आयोजित एक कार्यक्रम में जैविक काले चावल की खेप को हरी झंडी दिखाई. और साथ ही साथ बीरेन सिंह ने विभिन्न हिस्सों में निवासियों को वितरण के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज ले जाने वाले वाहनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है.
बता दें कि पहली बार एक मीट्रिक टन जैविक मणिपुरी काला चावल इम्फाल से यूरोप को निर्यात किया गया है. इस कंसाइन्मेंट को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 12 अगस्त को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. साथ ही देश के अन्य राज्यों में 1500 मिलियन टन काले चावल का निर्यात किया गया है.
क्या है काला चावल – (What Is Black Rice?)
चाखाओ अमुबी मणिपुर का एक प्रकार का चिपचिपा काला चावल है. चाखो का अर्थ स्वादिष्ट होता है जबकि अंबुई का अर्थ काला होता है. यह आमतौर पर विशेष अवसरों पर और त्योहारों के अवसर पर चढ़ाया जाता है. पकाने के बाद, यह काले से बैंगनी रंग का हो जाता है और इसमें थोड़ा अखरोट जैसा स्वाद होता है.
काले चावल की खासियत – (Features Of Black Rice)
1. काले चावल में कई तरह तरह के विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं.
2. यह ग्लूटेन यानी वसा मुक्त होता है,
3. काले चावल में एंटीऑक्सिडेंट्स बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जिस वजह से यह हमारे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है.
4. एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होने की वजह से काले चावल हार्ट को भी हेल्दी रखने में मदद करते हैं.
5. इसकी बाजार में कीमत 100 से 120 रुपए प्रति किलो है.
6. इसमें काफी संख्या में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. एंटीऑक्सिडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं.
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