महिला एवं बाल विकास मंत्री संजय मेनका गांधी ने वर्ष 2014-15 और 2015-16 में असाधारण कार्यों के लिए आंगनबाड़ी कर्मियों को महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कृष्णा राज की उपस्थिति में राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्रदान किए। यह पुरस्कार राजधानी में आयोजित एक समारेह में दिए गए। समारोह में विभिन्न राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के कुल 97 ( वर्ष 2014-15 के लिए 49 और 2015-16 के लिए 48 ) आंगंनबाड़ी कर्मियों को ये पुरस्कार दिए गए। पुरस्कार वितरण समारोह में राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेश के प्रतिनिधि और विभिन्न संस्थानों के प्रमुखों ने भाग लिया।
पुरस्कार वितरण में भाग लेने वाली आंगनबाड़ी कर्मियों को संबोधित करती हुईं मेनका संजय गांधी ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और देश के दूर- दराज के इलाको में बच्चों एवं उनकी माताओं की रक्षा करने के लिए उनकी सराहना की। आंगनबाड़ी कर्मियों के काम करने की स्थितियों में सुधार लाने के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को सुपरवाइजरों के पदों को नियुक्ति करने का अधिकार दे गया दिया है। साथ ही राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे इन सुरवाइजरो की 50 प्रतिशत भर्ती आंगनबाड़ी कर्मियों को प्रोन्न्ति देकर करें। मंत्री महोदया ने कहा कि राज्य सरकारों से यह भी कहा गया है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को रैलियों और चुनाव कार्यों जैसे कामों में न लगाएं ताकि वे अपना पूरा ध्यान बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के काम में लगा पाएं।
मेनका गांधी ने निम्न उद्देश्यों को हासिल करने के लिए आंगनबाड़ी कर्मियों का आह्वान किया :
- बच्च्यिों को अच्छा पोषक पदार्थ और उनकी शिक्षा देने के लिए बीबीबीपी के बारे में जागरूकता फैलाना
- यह सुनिश्चित करना कि हम बच्चे और उसके माता-पिता के पास आधार कार्ड हो
- गांवों में विशेष तौर पर कैशलेस भुगतान के बारे में लोगों को शिक्षित करना |
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णा राज ने कहा कि आंगनबाड़ी में बच्चों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए आंगनबाड़ी कर्मियों को सफाई बनाए रखने को प्रथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अच्छा भोजन देने ,स्वच्छता को बनाए रखने से माता और बच्चे स्वस्थ रहेंगे।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सचिव लीना नायर ने कहा कि दुनिया में बाल विकास की सबसे बड़ी योजना आईसीडीएस की आंगनबाड़ी कर्मी रीढ़ की हड्डी हैं और आईसीडीएस की सफलता मोर्चे पर काम करने वाली आंगनबाड़ी कर्मियों की प्रतिबद्धता पर निर्भर करती है।
आंगनबाड़ी कर्मियों को राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर पुरस्कार देने की योजना सरकार द्वारा वर्ष 2000 -2001 में तैयार की गई थी । उसी समय से यह पुरस्कार हर वर्ष दिया जाता रहा है।
राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार के लिए नामों का नामांकरण राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा राज्य स्तर पर पुरस्कार पाने वाली कर्मियों के बीच से किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार के लिए नामों की संख्या राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों के आकर वहां चल रही आईसीडीएस परियोनाओं की संख्या पर निर्भर करती है।
राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार के लिए आंगनबाड़ी कर्मियों का चयन राज्य स्तर के पुरस्कार पाने वाली कर्मियों और उनके (i)पूरक पोषण (ii) बच्चों की देखभाल (iii) स्वास्थ्य विभाग के साथ तालमेल (iv) स्कूल पूर्व शिक्षा (v) पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा (एनएचईडी) (vi) सामुदायिक भागीदारी (vii) स्वच्छता एवं स्वास्थ्य और (viii) नवाचारों के क्षेत्र में दिए गए उनके योगदान के आधार पर किया जाता है।
इस पुरस्कार में 25,000 रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। वर्ष 20111-12, 2012-13 और 2013-14 के लिए 118 अंगनबाड़ीकर्मियों को पिछले साल राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम यह पुरस्कार दिया गया था। इस तरह पिछले पांच साल के लिए सभी विजेताओं को यह पुरस्कार दिए जा चुके हैं।
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