प्रधानमंत्री किसान सम्मान नीधि योजना का लाभ पूरे देश में किसानों को मिल रहा है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ पाने से पश्चिम बंगाल के किसान अभी तक वंचित हैं. शुरूआत में ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम किसान सम्मान नीधि योजना को यह कहकर राज्य में लागू करने से इनकार कर दिया था कि इससे बेहतर योजना राज्य सरकार की है जिसका लाभ राज्य के किसानों को मिल रहा है. आपको बताते चले कि केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना आय़ुष्मान भारत को भी पश्चिम बंगाल में अभी तक लागू नहीं किया गया है. इसके पीछे भी यही तर्क है कि राज्य में स्वास्थ्य साथी योजना पहले से लागू है. इसलिए बंगाल की जनता को किसी अन्य केंद्रीय स्वास्थ्य योजना को लागू करने की जरूरत नहीं है. लेकिन अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार की इस दोनों लोकप्रिय कल्याणकारी योजनाओं को राज्य में लागू करना चाहती हैं.
राज्य सचिवालय नवान्न सूत्रों के मुताबिक ममता ने इस संबंध में केंद्रीय कृषि व स्वास्थ्य मंत्री को दो अलग-अलग पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कुछ शर्तों के साथ पश्चिम बंगाल में पीएम किसान सम्मान नीधि योजना और आयुष्मान भारत को लागू करने की इच्छा जताई है. ममता ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य सरकार पीएम किसान सम्मान नीधि योजना बंगाल में लागू करने को तैयार है. लेकिन इसके लिए केंद्र को राज्य की शर्त माननी होगी. ममता ने शर्त दी है कि पीएम किसान सम्मान नीधि की राशि राज्य को मिलनी चाहिए. राज्य पीएम किसान सम्मान नीधि का फंड राज्य के किसानों को वितरिरत करेगी. यहां यह बताना जरूरी है कि केंद्र सरकार की ओर से पीएम किसान सम्मान नीधि की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है.
पीएम किसान सम्मान नीधि योजना के तहत पूरे देश में प्रति किसान सालाना 6000 रुपए आर्थिक साहायता दी जाती है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 2018 में पीएम किसान सम्मान नीधि योजना चालू की थी. अब तक पूरे देश में साढ़े आठ करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ है. राज्य में ममता बनर्जी सरकार का दावा है कि राज्य की कृषक बंधु योजना के तहत अब तक 73 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं. किसान की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को राज्य सरकार की ओर से दो लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है. इसके साथ ही इस योजना के तहत राज्य के किसानों को फसल बीमा समेत अन्य अन्य मद में भी आर्थिक मदद दी जाती है. अब ममता राज्य की कृषक बंधु योजना के अतिरिक्त किसानों को पीएम किसान सम्मान नीधि योचना का लाभ दिलाने पर भी विचार कर रही हैं तो यह अच्छी बात है.
ममता एक तरफ कृषि विधेयक पारित होने के बाद केंद्र सरकार पर जहां हमलावर है वहीं उन्होंने जिस तरह सशर्त ही सही राज्य में पीएम किसान सम्मान नीधि योजना लागू करने की इच्छा जाहिर की है उसे लेकर राजनीतिक अटकलें तेज हो गई है. लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम किसान सम्मान नीधि और आयुष्मान भारत को राज्य में लागू नहीं करने को लेकर ममता पर राजनीतिक हमला बोला था. मोदी ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया जिसका लभा भाजपा को मिला और पश्चिम बंगाल में पहली बार उसे 18 सीटों पर शानदार जीत मिली. अगले साल विधानसभा चुनाव में भाजपा इसे फिर मुद्दा नहीं बना सके इसे देखते हुए ममता ने राज्य में पीएम किसान सम्मान नीधि योजना और आयुष्मान भारत को लागू करने की पेशकश की है.
ममता ने कंद्रीय स्वाथ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को लिखे पत्र में कहा है कि आयुष्मान भारत योजना का पूरा खर्च केंद्र को वहन करना होगा. इस मद में पश्चिम बंगाल के लिए आवंटित राशि राज्य सरकार के मार्फत खर्च की जाएगी. आयुष्मान भारत योजना में केंद्र 60 प्रतिशत खर्च वहन करता है. 40 प्रतिशत राज्य वहन करता है तो गरीब जनता को सालाना पांच लाख रुपए की स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिल जाएगी. ममता को देर से ही समझ में आ रहा है कि दोनों केंद्रीय योजनाएं राज्य की जनता के लिए फायदेमंद हैं. लेकिन उन्होंने इसे लागू करने के लिए ऐसी शर्तें रखी है जिसको केंद्र के मानने पर संदेह है. अगर केंद्र नहीं मानता है तो ममता को कहने का मौका मिल जाएगा कि वह तो राज्य में पीएम किसान सम्मान नीधि और आयुष्मान भारत लागू करने के लिए तैयार थीं लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई. इस तरह अगले साल विधानसभा चुनाव में भाजपा इसे मुद्दा बनाती है तो ममता डट कर मुकाबला करेंगी.
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