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मक्का की खेती किसानों के लिए बनी फायदेमंद, सरकार दे रही 15,000 तक की सब्सिडी, जानें क्या है पूरा प्लान?

उत्तर प्रदेश सरकार मक्का किसानों को बेहतर उत्पादन और अधिक मुनाफा दिलाने के लिए अनुदान, बीज और मशीनरी सब्सिडी जैसी योजनाएं चला रही है. मक्का की बढ़ती मांग और सरकारी मदद से किसान अपनी आमदनी दोगुनी कर सकते हैं. अगर आप भी मक्का की खेती करना चाहते हैं, तो उन्नत बीजों और सरकारी योजनाओं का लाभ जरूर उठाएं!

लोकेश निरवाल
Maize Production
यूपी में मक्का की खेती को बढ़ावा, किसानों को मिल रही सरकारी मदद (Image Source: Freepik)

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने और मक्का उत्पादन को दोगुना करने के लिए कई योजनाएं चला रही है. इसी क्रम में राज्य सरकार के द्वारा शुरू किया गया "त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम" के तहत किसानों को अनुदान, उन्नत बीज और कृषि तकनीक की जानकारी दी जा रही है. यूपी सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक मक्का उत्पादन को 27.30 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचाया जाए. ऐसे में आइए राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को मक्का की खेती पर कितना प्रतिशत तक अनुदान दे रही है और किसान को अन्य क्या-क्या फायदा पहुंच रहा है.

मक्का की खेती पर मिल रहा सरकारी अनुदान

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को मक्का उत्पादन के लिए विशेष आर्थिक सहायता दे रही है.

  • मक्का बीज पर प्रति क्विंटल 15,000 रुपये तक अनुदान
  • हाइब्रिड, पॉप कॉर्न, बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न पर भी सब्सिडी
  • मक्का सुखाने के लिए ड्रायर मशीन पर 12 लाख रुपये तक की सहायता
  • पॉपकॉर्न मशीन पर 10,000 रुपये तक अनुदान

वैज्ञानिकों की मदद से बढ़ेगा मक्का उत्पादन

राज्य सरकार वैज्ञानिकों के सहयोग से किसान को खेती में नई-नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए कई तरह के गोष्ठियों और कार्यशालाओं का आयोजन कर रही है. हाल ही में लखनऊ में राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें मक्का उत्पादन को लाभदायक बनाने पर चर्चा हुई. सरकार भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) और भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान की मदद ले रही है.

हर मौसम में उगाया जा सकता है मक्का

मक्का की सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसान इसे खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसमों में उगाया जा सकता है. यह कम पानी में भी अच्छी पैदावार देने वाली फसल है. जल निकासी वाली हर प्रकार की भूमि में इसकी खेती संभव है.

मक्का के उपयोग और बढ़ती मांग

  • इथेनॉल उत्पादन
  • पशु और कुक्कुट आहार
  • दवा और कॉस्मेटिक्स उद्योग
  • वस्त्र, पेपर और एल्कोहल इंडस्ट्री

वही, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होने के कारण मक्का को "अनाजों की रानी" कहा जाता है.

विशेषज्ञों की सलाह

मक्का के उन्नत बीज और तकनीकों का उपयोग करने पर किसान प्रति हेक्टेयर 100 क्विंटल तक उत्पादन बढ़ सकता है.

  • मक्का सुखाने और प्रोसेसिंग पर भी अनुदान
  • मक्के में 30% तक नमी होती है, जिससे इसमें फंगस लगने की संभावना बढ़ जाती है.
  • इस समस्या से किसानों को बचाने के लिए सरकार ड्रायर मशीन पर 12 लाख रुपये तक का अनुदान दे रही है.
  • पॉपकॉर्न मशीन पर भी 10,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है.
  • बुवाई से लेकर प्रोसेसिंग तक की मशीनों पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत अनुदान दिया जा रहा है.

मक्का की उन्नत किस्में/ Improved Varieties of Maize

किसान अगर अच्छी पैदावार चाहते हैं तो उन्हें मक्का की उन्नत किस्मों का चुनाव करना चाहिए.

  1. डंकल डबल
  2. कंचन 25
  3. डीकेएस 9108
  4. डीएचएम 117
  5. एचआरएम-1
  6. एनके 6240
  7. पिनैवला
  8. 900 एम और गोल्ड

मक्के की फसल पकने का समय/Ripening Time of Corn Crop

हाइब्रिड मक्का 80-120 दिन में तैयार हो जाती है. पॉपकॉर्न मक्का केवल 60 दिन में पककर तैयार हो जाता है. इस तरह से किसान कुछ ही समय में मक्की के उन्नत बीजों की खेती कर अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर सकते हैं.

English Summary: Maize farming beneficial for farmers government subsidy 15000 rupees Published on: 05 March 2025, 12:25 PM IST

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