हमारे अन्नदाता किसान अपनी अच्छी उपज के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं. जिससे देश के लोगों का पेट भर पाए तथा उन्हें भी अच्छी आमदनी प्राप्त हो सके. मगर अच्छा उत्पादन मिलने के बाद भी परिणाम कुछ विपरीत दिखते हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि सोशल मिडिया में इन दिनों एक बिल की तस्वीर खूब वायरल हो रही है और ये बिल महाराष्ट्र की मंडी का है, बिल में किसान राजेंद्र चव्हाण का नाम है, जिसने मंडी में 512 किलो प्याज बेचा और मुनाफा महज 2.49 रुपए का ही हुआ.
1 रुपए प्रति किलो बिक रहा प्याज
सोशल मीडिया में वायरल हो रहा यह बिल 63 वर्षीय महाराष्ट्र के सोलापुर की बरशी तहसील के किसान राजेंद्र चव्हाण के नाम पर है. जिन्हें प्रति किलो प्याज की कीमत महज 1 रुपए ही मिली. 512 किलो प्याज बेचने पर 2.49 रुपए का ही मुनाफा हुआ.
पीटीआई से बात करते हुए, चव्हाण ने कहा, "मैंने सोलापुर में एक प्याज व्यापारी को बिक्री के लिए पांच क्विंटल से अधिक वजन के 10 बैग प्याज भेजे थे. लेकिन लोडिंग, परिवहन, श्रम और अन्य के लिए शुल्क काटने के बाद, मुझे सिर्फ उससे 2.49 रुपये का शुद्ध लाभ मिला. व्यापारी ने मुझे 100 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिया”. किसान ने कहा कि यह सभी प्याज उत्पादकों का अपमान है. यदि इसी प्रकार से हमें हमारी फसलों की कीमत मिलती रहेगी तो हम कैसे जीवित रह पाएंगे.
व्यापारी का दावा प्याज की गुणवत्ता थी निम्न
किसाना ने दावा किया है कि फसल की गुणवत्ता काफी अच्छी थी, जिसके वाबजूद उन्हें अच्छी कीमत नहीं मिल पाई. तो वहीं मंडी के व्यापारी ने कहा कि प्याज की गुणवत्ता निम्न श्रेणी की थी, जिस कारण प्याज को 100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया. व्यापारी ने यह भी कहा कि इससे पहले उसी किसान से 400 से अधिक बैग खरीदे गए थे, जिससे उसने अच्छा मुनाफा कमाया. चूंकि अब प्याज की कीमतें भी काफी कम हो गईं हैं और वह अपनी बची हुई 10 बोरी उपज लेकर आया था इसलिए उसे यह दर प्राप्त हुई.
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किसानों की बढ़ी परेशानी
किसानों को यूं तो पहले से ही मौसम की मार का नुकसान झेलना पड़ता है, वहीं बची कसर मंडी में पूरी हो जाती है. पहले खरीफ सीजन में बारिश वक्त पर नहीं होने से किसानों को भारी फसल नुकसान हुआ उसके बाद अब जब इस बार किसानों की फसल अच्छी हुई तो मंडियों में उन्हें अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं. बढ़ती महंगाई के चलते किसानों के खर्च तो बढ़ ही रहे हैं मगर आमदनी में कोई इजाफा देखने को नहीं मिल रहा है.
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