मध्य प्रदेश के मन्दसौर जिले में भिंडी, गोभी, टमाटर आदि सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को खरीददार नहीं मिल रहें। जो सब्ज़ी बिकती हैं, उसकी कीमत लागत से भी कम होती है। कर्ज में दबे किसान अपनी फसल जानवरों को खिलाने को मजबूर हैं. Lock down ने देश के हर तबके के लोगों को प्रभावित किया जिनमें सब्जी उगाने वाले किसान काफी प्रभावित हो रहे हैं. बाजरों में सब्जी सप्लाई में दिक्कत आ रही है तो वहीं समय पर सब्जी बाजारों में न पहुंचने के कारण खेतों में ही सड़ रही हैं। यही बड़ी वजह है कि सब्जी उगाने वाले किसान अपने उत्पादन को फेंकने को मजबूर हैं। कई किसान तो औने-पौने दाम पर अपनी सब्जियों को बेचने पर मजबूर हैं.Lock down की वजह से कई किसान अपनी सब्जियों को मंडी तक नहीं ले जा सकते हैं और यदि मंडी तक पहुँचा भी दिया तो प्रशासन द्वारा कभी भी अचानक मंडी बन्द करवा दी जाती है. ऐसे में पड़े-पड़े सड़ जाती हैं।
किसानो का कहना है कि उन्हें भारी नुकसान हो रहा है. वहीं थोक सब्जी मंडी में भी उत्पादन खराब हो रहा है. रिटेल मार्केट को देखा जाए तो सब्जियां महंगी बिक रही हैं लेकिन किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. किसान हर तरफ से परेशान हैं। किसानों को फसल उगाने की लागत तक नहीं मिल पा रही है। किसानों से सब्जी खरीदने वाले व्यापारियों का भी कहना है कि प्रशासन कभी भी मंडी बंद कर देता है जिसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. हालात इतने बदतर हैं कि किसान अपनी सब्जी पशुओं के सामने डाल रहे हैं.गिलकी की सब्जी उगाने वाले किसान का कहना है कि उनकी सब्जी का भाव 10 से 15 रुपए भी नहीं मिल रहा है लेकिन यही सब्जियां रिटेल में 25 रुपए किलो से ऊपर बिक रही हैं।
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