
Surya Mitra Krishi Feeder Scheme: मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की सिंचाई संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए एक नई पहल शुरू की है. "सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना" के तहत अब किसान सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करके न केवल अपनी खेती की जरूरतें पूरी कर सकेंगे, बल्कि अतिरिक्त आय भी कमा सकेंगे. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सस्ती और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है.
योजना का मुख्य लाभ
- किसान दिन के समय सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों से सिंचाई कर सकेंगे.
- बिजली बिल में भारी बचत होगी और डीजल पर निर्भरता कम होगी.
- किसान अतिरिक्त बिजली बेचकर आमदनी बढ़ा सकेंगे.
- ग्रिड पर लोड कम होगा, जिससे बिजली कटौती और लो-वोल्टेज की समस्या खत्म होगी.
कैसे काम करेगी योजना?
इस योजना के तहत कृषि फीडरों पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे, जो सीधे 11 किलोवॉट लाइन से जुड़े होंगे. इससे किसानों को दिन में लगातार बिजली मिलेगी. अब तक प्रदेश में 8,000 कृषि फीडर स्थापित किए जा चुके हैं, जिन पर 35 लाख से अधिक कृषि पंप काम करते हैं. इनमें से कई को अब सौर ऊर्जा से जोड़ा जा रहा है.
किसानों को मिलेगा वित्तीय समर्थन
सरकार ने इस योजना के लिए किसानों और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन दिए हैं:
- कम ब्याज दर: एग्रीकल्चर इन्फ्रा फंड से 7 साल तक 3% की कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा.
- प्रशिक्षण: जर्मन संस्था GIZ के सहयोग से डेवलपर्स और एजेंसियों को प्रशिक्षण दिया गया है.
- स्थानीय उद्यमियों को मौका: स्थानीय निवेशकों को 25 साल के PPA (पावर पर्चेज एग्रीमेंट) का लाभ मिलेगा.
अब तक क्या हुआ है?
- 80 मेगावाट के सोलर प्लांट लग चुके हैं, जिनसे 16,000 से अधिक पंप चल रहे हैं.
- 240 मेगावाट की परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जबकि 200 मेगावाट की योजनाएं प्रक्रिया में हैं.
- लक्ष्य है कि 1 लाख से अधिक पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाए.
PM कुसुम योजना के साथ मिलकर काम करेगी योजना
यह योजना केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) का हिस्सा है. मध्य प्रदेश का लक्ष्य 3.45 लाख पंपों को सोलराइज करने का है, जिसमें से 2.45 लाख पंप "सूर्य मित्र फीडर योजना" के तहत कवर किए जाएंगे.
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