मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है. दरअसल, जो किसान अभीतक धान उपार्जन के लिए पंजीकरण नहीं कर पाएं थे. वह अब धान उपार्जन का पंजीकरण 6 नवंबर तक करा सकते हैं. मतलब, राज्य सरकार ने धान उपार्जन की पंजीयन तारीख को आगे बढ़ा दिया है और राज्य के 16 जिलों के किसान ही इस घोषणा का फायदा उठा पाएंगे. सरकार का यह फैसला किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने और MSP योजना का लाभ लेने के लिए लिया गया है.
वहीं, कुछ किसान खराब मौसम और तकनीकी समस्याओं की वजह से निर्धारित समय पर अप्लाई नही कर पाएं थे, जिसके कारण उनको MSP का लाभ नहीं मिल पाता, लेकिन राज्य सरकार के इस कदम से किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य मिल पाएंगा.
किन 16 जिलों के किसान कर सकते पंजीयन?
मध्यप्रदेश के 16 जिलों के लिए ही राज्य सरकार ने पंजीकरण तारीख में ब़ड़ा बदलाव किया है. ताकि इन जिलों में जो इच्छुक किसान भाई थे. वह किसी समस्या के चलते आवेदन नही कर पाएं थे, लेकिन अब उनको सरकार ने दूसरा मौका दिया है, ताकि वह 6 नवंबर तक निर्धारित तारीख पर अपना नाम पंजीयन करा सकें. इन 16 जिलों के किसान करा सकते हैं अपना नाम दर्ज- डिण्डौरी, मण्डला, बालाघाट, सतना, छिंदवाड़ा, शहडोल, अनूपपुर, दमोह, सिवनी, मैहर, उमरिया, जबलपुर, सीधी, अलीराजपुर, बैतूल, पन्ना
सरकार का उद्देश्य
मध्यप्रदेश सरकार ने यह फैसला ‘कृषि से समृद्धि का संकल्प, किसान कल्याण का प्रण’ के तहत लिया है. ताकि कोई भी पात्र किसान अपनी फसलों को कम दाम में बेचने के लिए मजबूर न हो और वह सही कीमत पर अपनी फसलों को बाजार में बेच सकें. साथ ही अगर किसान धान का रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं, तो वह अपनी आमदनी में भी इजाफा कर सकते हैं.
आवेदन प्रकिया
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किसान अपने धान उपार्जन के लिए पंजीकरण कराने के लिए पंजीयन केंद्र, ई-उपार्जन पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं.
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इसके अलावा वह CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन बड़ी आसानी से करा सकते हैं.
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किसान इस बात का ध्यान पर जरुर गौर दें कि-
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उनके पास आधार कार्ड,
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भूमि दस्तावेज
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बैंक पासबुक और फसल विवरण सभी दस्तावेज हो.
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रजिस्ट्रेशन की प्रकिया पूरी होने के बाद किसानों को एक रसीद मुहैया कराई जाएगी, जिसके आधार पर वे अपनी उपज को उपार्जन केंद्र पर बेच पाएंगे.
किसानों को क्या होगा लाभ?
राज्य सरकार के इस कदम से किसानों को बड़ा लाभ होगा वह अपनी फसलों को MSP रेट पर बाजारों में बेच पाएंगे और अधिक कमाई कर सकेंगे. वहीं, किसानों के लिए सरकार की यह मदद उन्हें सशक्त और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने में कामगार साबित हो सकती है.
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