1. Home
  2. ख़बरें

LOCKDOWN: खेतों में बर्बाद हो रहीं सब्जियां और फल, उत्पादन फेंकने को मजबूर हैं किसान

पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा के बाद देशभर के किसानों पर जैसे दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा हो. लॉकडाउन की वजह से किसानों की सब्जियां और फल खेतों में सड़ रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन (LOCKDOWN) के होते ही कई जगह मंडी संचालन लगभग बंद हो गया है, खेतों और बागों तक लोगों का पहुंचना मुश्किल हो रहा है, नतीजतन सप्लाई चेन भी व्यवस्थित नहीं रह गई है.

सुधा पाल

पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा के बाद देशभर के किसानों पर जैसे दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा हो. लॉकडाउन की वजह से किसानों की सब्जियां और फल खेतों में सड़ रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन (LOCKDOWN) के होते ही कई जगह मंडी संचालन लगभग बंद हो गया है, खेतों और बागों तक लोगों का पहुंचना मुश्किल हो रहा है, नतीजतन सप्लाई चेन भी व्यवस्थित नहीं रह गई है.

इसके साथ ही परिवहन बाधाओं के कारण भी खेतों से फसल नहीं उठ पा रही है. ऐसे ही कई निजी डेयरी ने किसानों को भुगतान करने वाली कीमत को आधा कर दिया है. कई किसान अपने उत्पाद फेंकने को मजबूर हैं. वहीं महाराष्ट्र में टमाटर उत्पादकों के उत्पाद को कम कीमत में भी खरीदने वाले लोग नहीं मिल रहे हैं.

क्या कहते हैं किसान...

महाराष्ट्र के नासिक स्थित पिम्पल गांव के किसान योगेश पाटिल कहते हैं, "लॉकडाउन की वजह से स्थिति बहुत बुरी है. काम चौपट पड़ा हुआ है. नुकसान ही हो रहा है और यहां महाराष्ट्र में तो कोरोना के कुछ ज्यादा ही केस हैं.  इसलिए किसान सस्ते में अपना माल बेच रहा है, फिर भी नहीं उठ पा रहा है."

और भी हो सकता है नुकसान...

वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि अभी और भी नुकसान होने की उम्मीद है. ऐसा इसलिए क्योंकि अंगूर, तरबूज, केले, कस्तूरी, चना, कपास, मिर्च, हल्दी, जीरा, धनिया, प्याज और आलू की फसल के लिए यही सही समय है. वहीं पंजाब के किसानों का कहना है कि उनके यहां हरी मटर की फसल तैयार तो है लेकिन वे समय पर थोक बाजार तक अपने उत्पाद को नहीं पहुंचा पा रहे हैं. ऐसे में नुकसान तो तय ही है.

English Summary: lockdown farmers fruits and vegetable production are getting no buyers Published on: 30 March 2020, 05:41 PM IST

Like this article?

Hey! I am सुधा पाल . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News