देश के साथ दुनिया में भी कोरोना के हाहाकार से लोगों की ज़िन्दगी में उथल-पुथल मची हुई है. इसी बीच RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (shaktikanta das) ने शुक्रवार (17 अप्रैल) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को रखने का उद्देश्य महामारी के बीच अर्थव्यवस्था को एक मजबूती देना और देशवासियों को आने वाले समय के लिए अपनी तैयारी के बारे में बताना है, कि किस तरह भारत इस विश्वव्यापी संक्रमण से लड़ने में तत्पर है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कहर को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक हर तरह से सक्रिय है. इसी दौरान उन्होंने कई बड़े ऐलान भी किए हैं. आइए जानते हैं इस कॉन्फ्रेंस में किन खास मुद्दों पर चर्चा हुई और देश के अन्नदाताओं के लिए क्या नया और खास रहेगा.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिवर्स रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया. रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है,साथ ही बाजार में नकदी संकट न आए, इसके लिए भी 50 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद की बात कही है.उन्होंने बताया कि कोरोना संकट की वजह से जीडीपी की रफ्तार घटेगी, लेकिन बाद में ये फिर तेज रफ्तार से दौड़ेगी.
इसके अलावा बैंक की ओर से नाबार्ड, एनएचबी, एनबीएफसी समेत अन्य क्षेत्रों में भी 50 हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद दी जाएगी.
खेती-किसानी का काम सुचारू रूप से चल रहा
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश के किसानों के लिए भी यह कहा है कि भारत में खेती के कामों में किसी भी तरह की रुकावट नहीं आई है. आने वाले समय में भी इस कोरोना वायरस की (coronavirus) वजह से बिजाई-बुवाई के काम में कोई रुकावट नहीं आने की उम्मीद है. इसके साथ देश में इन कठिन परिस्थितियों में भी आनाज की कोई कमी नहीं होगी. हमारे देश में पर्याप्त मात्रा में अनाज हैं. IMF ने इस बात का अनुमान लगाया है कि दुनिया में सबसे बड़ी मंदी आने वाली है, जो खतरे की घंटी है. कई देशों में आयात और निर्यात में भारी गिरावट देखी जा रही है. इस संकट के बीच भी भारतीय कृषि क्षेत्र टिकाऊ है, यहां बफ़र स्टॉक है.
नाबार्ड को स्पेशल रिफाइनेंस के तहत 25,000 करोड़ रुपये की मदद
इस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर ने इस बात की भी घोषणा की है कि नाबार्ड को स्पेशल रिफाइनेंस के तहत 25,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जाएंगे. ऐसे में इस बात की भी उम्मीद की जा रही है कि किसानों को NABARD के जरिए कई तरह की मदद मिल सकती है.
वैश्विक मंदी के बाद भी भारत की विकास दर पॉजिटिव रहने की उम्मीद
शक्तिकांत दास का कहना है कि वैश्विक मंदी के अनुमान के बीच यह भी शामिल है कि भारत की विकास दर आने वाले समय में भी पॉजिटिव बनी रहेगी. IMF की मानें तो यह विकास दर 1.9 फीसद रहेगी.
Share your comments