1. Home
  2. ख़बरें

लीची शहद विषय पर दो दिवसीय सेमिनार आयोजित लीची की विविधता एवं जीआई टैगिंग पर की गई चर्चा

मुजफ्फरपुर में लीची और शहद पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई. उद्यान आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने वैज्ञानिक शोध, ब्रांडिंग और बायो प्रोडक्ट्स पर बल दिया. कार्यक्रम में लीची की गुणवत्ता, बी-ब्रीडिंग और AI किट निर्माण पर चर्चा हुई. लीची खाने की प्रतियोगिता भी आयोजन का आकर्षण रही.

Litchi, Honey
दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते भारत सरकार के उद्यान आयुका, बीसी व अन्य

भारत सरकार के उद्यान आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि बिहार में लीची और शहद से जुड़े कार्यों की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण और आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए डेटा आधारित शोध को गति देने, बायो प्रोडक्ट्स के निर्माण तथा बी-ब्रीडिंग जैसे कार्यों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया. वे शनिवार को विद्यापति सभागार में आयोजित दो दिवसीय "लीची की विविधता एवं जीआई टैगिंग आधारित लीची शहद" विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे. इस अवसर पर देशभर से आए वैज्ञानिक, प्रगतिशील किसान और छात्र उपस्थित थे.

डॉ. कुमार ने कहा कि मधुमक्खी रानी के आकार व शक्ति में कमी आने से शहद उत्पादन प्रभावित हो रहा है. ऐसे में बी-ब्रीडिंग पर कार्य जरूरी है. उन्होंने सुझाव दिया कि शहद से हेल्दी ड्रिंक बनाकर युवाओं को जोड़ा जा सकता है. साथ ही लीची की बीमारियों की पहचान, स्वाद व सुगंध के निर्धारण पर भी अनुसंधान की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, विश्वविद्यालय के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य कर रहा है.

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ. पी.एस. पाण्डेय ने लीची की "शॉर्ट सेल्फ लाइफ" को सबसे बड़ी चुनौती बताया. उन्होंने वैज्ञानिकों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ऐसी किट बनाने की अपील की, जिससे लीची और शहद की गुणवत्ता, स्वाद आदि की पहचान की जा सके. उन्होंने मुजफ्फरपुर की अनीता कुमारी की सफलता को प्रेरणादायक उदाहरण बताया.

भारत सरकार के उद्यान आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार और कृषि वैज्ञानिकों व छात्रों ने कार्यक्रम में लगे स्टॉल पर विजिट किया
भारत सरकार के उद्यान आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार और कृषि वैज्ञानिकों व छात्रों ने कार्यक्रम में लगे स्टॉल पर विजिट किया

लीची अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. विकास दास ने लीची और लीची शहद की ब्रांडिंग के लिए इसके गुणों के प्रचार-प्रसार पर बल दिया. अनुसंधान निदेशक डॉ. अनिल कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की. कार्यक्रम का स्वागत डॉ. मयंक राय ने किया जबकि संचालन शांम्भवी और अभिषेक कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मोहित शर्मा ने किया. इससे पूर्व अतिथियों ने लीची और शहद प्रदर्शनी का अवलोकन किया और दीप प्रज्वलन कर समारोह की शुरुआत की. समारोह की सजावट, स्वागत सामग्री आदि में लीची का विशेष उपयोग किया गया, जिसने कार्यक्रम को आकर्षक बना दिया.

इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय कुमार, निदेशक डॉ. रामदत्त, डॉ. मिनाक्षी द्विवेदी, डॉ. सतीश कुमार, अधिष्ठाता डॉ. उषा सिंह, डॉ. पी.पी. श्रीवास्तव, निदेशक शिक्षा डॉ. उमाकांत बेहरा, डॉ. कुमार राजवर्धन सहित अन्य वैज्ञानिक, विभागीय अधिकारी एवं विभिन्न जिलों से आए किसान उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान लीची खाने की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें वैज्ञानिकों और छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.

English Summary: Litchi and honey diversity on two day seminar organized GI tagging discussed Published on: 26 May 2025, 01:12 PM IST

Like this article?

Hey! I am रौशन कुमार, एफटीजे, बिहार हेड. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News