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बिहार के किसानों के लिए इतना आसान नहीं होगा इस दर्द से उबरना, यहां जानें पूरा माजरा

आज हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में बिहार के मुजफ्फरपुर के लीची किसानों की दुर्दशा के बारे में बताने जा रहे हैं. कभी सर्वाधिक लीची उत्पादन के लिए पूरे देश में सर्वविख्यात रहने वाले मुजफ्फरपुर के किसान आज मौसम के बिगड़े मिजाज की वजह से खौफ के साए में जीने को मजबूर हो चुके हैं. कभी जिन चेहरों पर लीची की बंपर पैदावार की खुशी साफ झलकती थी, आज उन्हीं चेहरों पर शिकन का आलम है.

सचिन कुमार
lichi
Lichi

आज हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में बिहार के मुजफ्फरपुर के लीची के किसानों की दुर्दशा के बारे में बताने जा रहे हैं. कभी सर्वाधिक लीची उत्पादन के लिए पूरे देश में सर्वविख्यात रहने वाले मुजफ्फरपुर के किसान आज मौसम के बिगड़े मिजाज की वजह से खौफ के साए में जीने को मजबूर हो चुके हैं. कभी जिन चेहरों पर लीची की बंपर पैदावार की खुशी साफ झलकती थी, आज उन्हीं चेहरों पर शिकन का आलम है.

इन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है कि अब करें तो क्या करें. मौसम की बेवफाई ने इन किसानों को बीच मंझधार में लाकर खड़ा कर दिया है. हर साल लीची की बंपर पैदावार करने वाले मुजफ्फरपुर के किसानों को इस बात का डर है कि कहीं मौसम के रौद्र मिजाज की वजह से लीची की पैदावार न कम हो जाए, लेकिन अगर इन किसानों का खौफ हकीकत में तब्दील हुआ तो इन्हें बड़ी आर्थिक क्षति का सामंना करना पड़ सकता है.

क्या कहते हैं यहां के किसान

वहीं, मुजफ्फरपुर के किसान अपनी दुर्दशा को बयां करते हुए कहते हैं कि इस बार मौसम के बिगड़े मिजाज की वजह से लीची का कम उत्पादन होगा. उधर, रितेश कुमार नाम के किसान विगत वर्ष को याद करते हुए कहते हैं कि पहले हमें लॉकडाउन और आर्थिक समस्याओं के चलते फसलों के नुकसान का सामना करना पड़ा था. वहीं, एक किसान धर्मेंद्र साहनी कहते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन की वजह से हमारी फसलों को खासा नुकसान हुआ था, चूंकि उस समय सभी लोग अपने घरों में कैद हो चुके थे. सभी अपनी आय को महफूज करने में लग गए थे. जिसका सीधा असर बाजार की मांग पर पड़ा था. 

मुआवजा मिला, तो बेहतर रहेगा

उधर, अपनी फसलों को हुए नुकसान पर किसान भाई कहते हैं कि अगर हमें हमारी नुकसान हुई फसलों पर मुआवजा मिल जाए, तो यह हमारी लिए बेहतर रहेगा. खैर,  सरकार किसानों के इस मांग को कहां तक अमलीजामा पहनाती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.

वहीं, इस पूरे मामले को लेकर लीची अनुसंधान के डायरेक्टर डॉ. एसडी पांडे किसानों को तसल्ली देते हुए कहते हैं कि किसान भाइयों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. बेशक, इस वर्ष मौसम के रौद्र मिजाज की वजह से फसलों के कम उत्पादन होने के कयास लगाए जा रहे हो. मगर जितनी फसलें होंगी उन्हें उससे कोई नुकसान नहीं होगा. वहीं, ऐसा नहीं है कि सभी इलाकों में लीची का कम उत्पादन होगा, बल्कि कुछ इलाके ऐसे भी होंगे जहां इनका पर्याप्त मात्रा में भी उत्पादन होगा. लिहाजा, किसान भाइयों को इस तरह घबराने की जरूरत नहीं है.    

English Summary: -Lichy farmer will be badly affected due to session Published on: 16 March 2021, 06:22 PM IST

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