एक तरफ बेमौसम बारिश किसानों के लिए परेशानियों की वजह बनी रहती है, तो वहीं दूसरी तरफ खाद की कमी की वजह से किसानों को फसलों का अच्छा उत्पादन नहीं मिल पाता है. ऐसे में किसानों की आर्थिक स्तिथि काफी प्रभावित हो जाती है. इसी कड़ी में बिहार के कई जिलों में खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है.
खाद न मिलने की वजह से सूबे के किसान काफी परेशान हैं. हालात यह है कि किसानों को अब खाद की काला बाजारी (Manure Black Market) करनी पड़ रही है. इसके बाद भी किसानों को जरूरत के मुताबिक खाद मुहैया नहीं हो पा रही है.
आपको बता दें कि बिहार के रोहतास जिले के किसानों को खाद की इनती कमी हो रही है कि वह मजबूर होकर ब्लैक में खाद की खरीद कर रहे हैं. इस बात का बिचौलिया भी जमकर फायदा उठा रहे हैं. ऐसे में किसान के सामने खाद की समस्या बहुत बड़ी परेशानी बन गयी है. अब सवाल उठता है कि किसानों की इन सस्याओं का समाधान कैसे होगा.
किसानों को पड़ रही लाठी (Farmers Getting Sticks)
आपको बता दें कि रासायनिक खाद की कमी होने की वजह से किसानों को खाद की खरीद करने के लिए घंटों लाइन में खड़े होना पड़ रहा है. मगर फिर भी उन्हें खाद पर्याप्त मात्रा में प्राप्त नहीं मिल पा रही है. वहीं, दूसरी तरफ पैसा देकर खाद लेने के लिए भी किसानों को लाठी खानी पड़ रही है.
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किसानों की बढ़ रही चिंता (Growing Concern Of Farmers)
देश में खाद की बढ़ती किल्लत किसानों के लिए चिंता का विषय बन रही है. किसानों का कहना है कि एक तरफ महंगाई और फसलों के दामों ने उनकी नाक में दम कर रखा है. वहीं, दूसरी तरफ खाद की कमी होने की वजह से उन्हें खेती के कामों में बहुत नुकसान हो रहा है. अच्छे रासायनिक खाद का सही और समय पर इस्तेमाल नहीं होने पर फसल की उत्पादन क्षमता कम हो रही है. इससे फसलों से अच्छा मुनाफा भी प्राप्त नहीं हो रहा है.
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