केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि 2019 तक हर खेत तक पानी पहुंच जाएगा। खेती और किसान सरकार की प्राथमिकता में हैं। 22 फरवरी को आईसीएआर के 18वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए उन्होंने किसानों से समेकित खेती अपनाने की अपील की। बिहार के तीन बडे जिलों में कृषि विज्ञान केंद्र के लिए जमीन मिल चुकी है। जल्द ही यहां केवीके की स्थापना होगी। 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि धान या गेहूं के साथ गोपालन, मछलीपालन और उद्यानिक फसलों का उत्पादन किसान लें, इससे 40 से 50 प्रतिशत अधिक लाभ होगा। पटना, पूसा, सबौर, मधेपुरा, कैमूर व बक्सर में समेकित कृषि प्रणाली मॉडल का विकास किया गया है। राज्य के 1450 किसानों ने इस प्रणाली को अपनाया है। प्रति हेक्टेयर 1.8 से 2.5 लाख रु पए तक आमदनी हुई। पूर्वी क्षेत्र के सात राज्यों बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ, झारखंड व पूर्वी उत्तर प्रदेश में देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का मात्र 22.5 प्रतिशत है, जबकि जनसंख्या 34 प्रतिशत है। 31 प्रतिशत पशुधन इस क्षेत्र में है।
आईसीएआर के 18वें स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह।
कृषि यांत्रिकीकरण, जलवायु परिवर्तन का खेती पर दुष्प्रभाव, भूमिहीन किसानों की आजीविका और 100 लाख हेक्टेयर प्रति भूमि का विकास चुनौती है। आईसीएआर द्वारा समेकित फार्मिंग प्रणाली पर गहन शोध व तकनीक किसानों को लाभ पहुंचा रहा है। मोतिहारी में एक नए शोध केंद्र की स्थापना की गई है और 6 वैज्ञानिक भी नियुक्त हुए हैं। छह हजार करोड से प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना शुरू की गई है।
कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि अभी फसल बीमा योजना में मात्र 20 प्रतिशत किसान शामिल हो रहे हैं। आने वाले समय में 50 प्रतिशत किसान को इस योजना से जोडना है। राज्य में कृषि रोड मैप से खेती का विकास हो रहा है। यूपी के कृषि राज्य मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह व विधायक संजीव चैरिसया ने भी अपनी विचारों को रखा । आईसीएआर के निदेशक डॉ. बीपी भट्ट ने संस्थान की उपलिब्धयों का जिक्र किया। मौके पर अटारी के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. एमके सिंह, डॉ. जेएस मिश्र, डॉ. अमतिाभ डे, डॉ. उज्ज्वल कुमार, डॉ. अभय कुमार व डॉ. अजय कुमार सहित संस्थान के सभी वैज्ञानिक मौजूद थे। असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ, झारखंड व यूपी के प्रगतिशील किसानों को केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री ने सम्मानित किया।
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