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काठमांडू, नेपाल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र, गुरुग्राम के डॉ. भरत सिंह को मिली विशेष ख्याति

गुरुग्राम के शिकोहपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. भरत सिंह को "गोभी फसल में समेकित कीट प्रबंधन "शोध कार्य के लिए उत्कृष्ट पीएच.डी. रिसर्च थीसिस अवार्ड से सम्मानित किया गया.

KJ Staff
कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. भरत सिंह, फोटो साभार: कृषि जागरण
कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. भरत सिंह, फोटो साभार: कृषि जागरण

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के गुरुग्राम के शिकोहपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. भरत सिंह को "गोभी फसल में समेकित कीट प्रबंधन "शोध कार्य के लिए उत्कृष्ट पीएच.डी. रिसर्च थीसिस अवार्ड प्रदान किया गया. यह अवार्ड उन्हें काठमांडू, नेपाल के डीएवी कॉलेज, ललितपुर में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार" ग्लोबल एप्रोचैस इन एग्रीकल्चर, बायोलॉजिकल, इनवायरनमेंट एवं लाइफ साइंस फॉर फ्यूचर -2024 के दौरान मिला.

इस अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन काठमांडू यूनिवर्सिटी, नेपाल, एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सोसाइटी, गाजियाबाद, स्वेरीगिजा इजिप्त, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, नियोटिया यूनिवर्सिटी (प. ब.) आर. एंड डी. सैल, सुभारती यूनिवर्सिटी, मेरठ, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, इंडिया, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश, एन. जी. टी. जम्मू (जे.एंड के.) बी.एस.ए. कॉलेज मथुरा, एन.सी.एस.पी. व बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट, सोसाइटी, आगरा, चौधरी चरन सिंह, यूनिवर्सिटी, मेरठ, सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, मेघालय इत्यादि संस्थाओं के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.

डॉ. भरत सिंह ने पीएच.डी. शोध कार्य एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर, सेंटर फॉर बायोलॉजिकल कंट्रोल एंड प्लांट डिसीज मैनेजमेंट,  एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा, उत्तर प्रदेश की डॉ. नीतू सिंह के  निर्देशन एंड आई.सी.ए.आर.- समेकित कीट प्रबंधन केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सतेंद्र सिंह के सह-निर्देशन में संपादित किया.

डॉ. सिंह ने शोध कार्य के दौरान गोभी फसल में समेकित कीट प्रबंधन पद्धतियों  के तहत विभिन्न आई.पी.एम मॉड्यूल्स  के प्रभावी संघटकों में जैविक, वानस्पतिक, रासायनिक व पर्यावरण के अनुरूप तकनीकों का समावेश कर वर्ष 2017-2018 एवं 2018-2019 के दौरान इस फसल के प्रमुख हानिकारिक कीट डायमंड बैक मोथ (प्लूटेला जायलॉसटेला तथा कटवर्म (स्पोडोप्टेरा लिटेरा) का सफलतम प्रबंधन किया गया.

परिणाम स्वरूप यह देखा गया कि गोभी फसल में पौध तैयार करने से लेकर वानस्पतिक वृद्धि व कर्ड विकसित होने तक यदि इन कीटों के संक्रमण पर नियमित निगरानी तथा उनके प्रबंधन हेतु शोध पर आधारित तकनीकों का समावेश किया जाय तो इस फसल को नुकसान दायक कीटों से बचाया जा सकता है साथ ही गोभी के उच्च गुणवत्ता युक्त कर्ड, उत्पादन क्षमता में  वृद्धि तथा उत्पादन लागत  में कमी और दो वर्ष के दौरान औसतन लागत लाभ अनुपात 1: 4.42 का आंकलन देखा गया.

English Summary: Krishi Vigyan Kendra Gurugram Dr Bharat Singh received special recognition during the international seminar in Kathmandu Nepal Published on: 25 June 2024, 05:34 PM IST

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