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Krishi Unnati Sammelan 2022: उड़ीसा में कृषि जागरण ने देश की सबसे बड़ी कृषि प्रदर्शिनी का किया आयोजन, यहां जानें कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी

किसानों के हित के लिए कृषि जागरण उड़ीसा के रायगढ़ में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है जिसे कृषि उन्नति सम्मेलन 2022 नाम दिया गया है. इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को एक साझा मंच प्रदान करना है.

देवेश शर्मा
कृषि उन्नति सम्मेलन 2022 में  प्रधान संपादक एम.सी  डोमनिक
कृषि उन्नति सम्मेलन 2022 में प्रधान संपादक एम.सी डोमनिक

कृषि क्षेत्र में किसानों के हित के लिए बीते 26 सालों से लगातार काम कर रहे कृषि जागरण ने उड़ीसा में कृषि उन्नति सम्मेलन 2022 का आयोजन किया है. आज इस कार्यक्रम का पहला दिन था और यह सम्मेलन दो दिवसीय सम्मेलन है जोकि 17 और 18 अक्टूबर दो दिनों तक चलने वाला है और इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को एक मंच प्रदान करना है.

जानकारी के लिए आपको बता दें कि कृषि उन्नति सम्मेलन 2022 स्कूल ऑफ फार्मेसी, सेंचुरियन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, थाथम महल, रायगढ़ में आयोजित इस मेले की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. यहां कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक, एमसी डोमिनिक और अन्य स्टाफ सदस्य भी मौजूद हैं. कृषि जागरण की टीम भी यहां मौजूद है. इस मेले में भाग लेकर किसान और कृषि क्षेत्र से जुड़े कई लोग नए ज्ञान और कौशल की खोज कर सकेंगे साथ ही इस सम्मलेन का विषय  "एक्सप्लोर द अनएक्सप्लोर्ड एफ्लुएंट एग्री ओडिशा" (Explore the Unexplored Affluent Agri Odisha) है.

कार्यक्रम के आयोजन का समय

कृषि उन्नति सम्मेलन 2022 की समय सारणी पर ध्यान दिया जाए तो इसकी शुरूआत सुबह 10 बजे से हो चुकी है  और तमाम कार्यक्रमों को समेटते हुए आज सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शाम 4 बजे यह समाप्त होगा.

ये भी पढ़ें: सबसे बड़े कृषि प्रदर्शनी का आयोजन, 17 अक्टूबर को किसानों के लिए सजेगा मंच

कार्यक्रम में शामिल हुए ये लोग

कृषि उन्नति सम्मेलन 2022 में कई बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों, किसानों के साथ-साथ उड़ीसा सरकार में अनुसूचित जाति/ जनजाति और अल्पसंख्यक मंत्री जगन्नाथ सकारा और रायगढ़ विधायक मकरंदा मृदुली, राजेश कुमार पाधी डारेक्यटर ऑफ सीयूटीएम, प्रो. पी एस. नंदा जैसे सम्माननीय लोग भी शामिल हुए हैं.

सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य

कृषि जागरण इस मेले के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डूंगरिया आदिवासी बुनकरों को बढ़ावा दे रहा है. डूंगरिया कांधा एक आदिम जनजाति है जो नियमगिरि पहाड़ों में रहती है. वे मुख्य रूप से फसल की खेती के माध्यम से अपनी आजीविका कमाते हैं. डूंगरिया कांधा रायगढ़ के पूर्वी घाट क्षेत्र में रहते हैं. आपको बता दें कि डूंगरिया कांधा बागवानी में बहुत कुशल हैं. इस जनजाति ने काली मिर्च, स्पूरी और केला की खेती करके प्रसिद्धि प्राप्त की है. जंगल से वनोपज एकत्र करना और पहाड़ियों में खेती करना इस जनजाति की आजीविका है.

English Summary: krishi jagran organised the krishi unnati sammelan 2022 in odisha Published on: 17 October 2022, 05:16 PM IST

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