प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संविधान निर्माता डॉ. भीम राव आंबेडकर की जयंती पर नागपुर में आधार पे सिस्टम की शुरुआत की। यह ऐप डिजिटल भुगतान के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकता है। बस अंगूठे और आधार के जरिए भुगतान करने का यह सिस्टम ग्रामीण इलाकों में भी सफल हो सकता है। व्यापारी और ग्राहक आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
इससे पहले सरकार ने 30 दिसंबर को मोबाइल पेमेंट ऐप्लिकेशन 'भीम' (भारत इंटरफेस फॉर मनी) लॉन्च किया था। भीम ऐप की सबसे बड़ी बात यह है कि इसके जरिए इंटरनेट के बिना भी पेमेंट किया जा सकता है। हालांकि इसमें ग्राहकों के पास फोन होना जरूरी है। नया ऐप व्यापारियों के लिए बनाया गया है, जिससे वे ग्राहकों से डिजिटल भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। आधार पे को शुरुआत में 20 बैंक सपॉर्ट करेंगे। सरकार ने दूसरे बैंकों से भी इससे जुड़ने को कहा है।
अभी तक डिजिटल पेमेंट्स के लिए क्रेडिट/डेबिट कार्ड और मोबाइल फोन की आवश्यकता होती थी, लेकिन आधार पे के लिए फोन या कार्ड की जरूरत नहीं। जो पढ़ना-लिखना नहीं जानते वे भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। दूरदराज इलाकों में फोन और शिक्षा की कमी को डिजिटल भुगतान के लिए बाधक बताया जाता था। आधार पे के सामने इस तरह की रुकावटें नहीं आएंगी।
यह ऐप केवल व्यापारियों के लिए है। व्यापारी को स्मार्टफोन पर ऐप डाउनलोड करना होगा। यह ऐप उसके बैंक खाते से जुड़ा होगा। फोन को बायोमीट्रिक स्कैन मशीन से कनेक्ट करना है। पेमेंट करने के लिए कस्टमर को इस मशीन पर अपना अंगूठा रखना है। इसके लिए जरूरी है कि उसका बैंक अकाउंट आधार से जुड़ा हुआ हो।
ट्रांजैक्शन चार्ज लगने की वजह से भी लोग डिजिटल पेमेंट से दूर भागते हैं। खासकर छोटे शहरों और गांवों में यह अधिक होता है। आधार पे पूरी तरह से मुफ्त है। इसमें व्यापारी या कस्टमर पर किसी तरह का कोई चार्ज नहीं लगेगा। नीति आयोग के मुताबिक, आधार पे पूरी तरह सुरक्षित ऐप है। यह मुख्य रूप से दो फ्लैटफॉर्म आधार पेमेंट ब्रिज (APB) और आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) का इस्तेमाल करता है। APB ग्राहक और बैंक के बीच सुगम लेनदेन के लिए एक संग्राहक की तरह काम करेगा, जबकि AEPS ऑनलाइन प्रोसेस को प्रमाणित करने में मदद करेगा।
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