जीएसटी काउंसिल कि बैठक होने वाली है लेकिन अभी तक चीनी पर सेस लगाने के मुद्दे पर वित्त मंत्रालय को अर्टानी जरनरल कि रिपोर्ट का इंतजार है। चीनी पर 5 फीसदी जीएसटी के साथ तीन रुपए प्रति किलो कि दर से सेस लगाने का प्रसताव है। लेकिन जीएसटी काउंसिल में लाने से पहले वित्त मंत्रालय ने इस पर अर्टानी जरनरल कि राय मांगी थी।
पिछले माह हुई जीएसटी काउंसिल कि बैठक में चीनी पर सेस लगाने का प्रसताव आया था लेकिन इस पर सेस लगाया जाए या नहीं इसको लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई। अंतत: काउंसिल ने वित्त मंत्रालय के मार्फत कानून मंत्रालय के पास राय लेने के लिए भेज दिया। उधर सेस लगाने का फैसला ना होने के बावजूद बाज़ार में चीनी के दाम उछाल मारने लगे है।
पिछले 15 दिनों के भीतर चीनी के दाम पांच रुपए प्रतिकिलो से आठ रुपए प्रति किलो बढ़ चुके है। बाज़ार में इसके दाम 40-42 रुपए प्रति किलो है। अगर सेस लगाने पर अर्टानी जरनरल समर्थन करते है तो दामों में और बढोतरी हो सकती है। सरकार का अनुंमाम है कि सेस से लगभग 6700 करोड़ रुपए जुटाए जा सकते है जिनका इस्तेमाल चीनी उधोग को संकट से उबारने के लिए किया जा सकता है।
भानु प्रताप
कृषि जागरण
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