देश में पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ती हुई महंगाई से लोग परेशान हो गए हैं और आज के महंगाई के दौर में तो लोगों के लिए ‘सखी संया तो खूब ही कमात हैं महंगाई डायन खाए जात है’ गाना एकदम सटीक और आम हो गया है. वर्तमान समय में बाजार की स्थिति को अगर देखा जाए तो पेट्रोल से लेकर सब्जी तक और सब्जी से लेकर तेल तक सारी चीजों पर महंगाई बरकरार बनी हुई है, कोई भी चीज सस्ती नहीं है.
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सब्जी बाजार में टमाटर के बाद अब फूलगोभी के दाम भी काफी गिर गए हैं. फसल के शुरुआती दिनों में 30 रुपये किलो तक बिकने वाली फूलगोभी सोमवार को मंडियों में छह से आठ रुपये किलो तक बिकी है. ये ख़बर जहां एक ओर आम आदमी को राहत देने वाली हो सकती है, तो वहीं दूसरी ओर फूलगोभी उगाने वाले किसान के लिए घातक सिद्ध भी हो सकती है.
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फूलगोभी की बंपर पैदावार को दाम गिरने का मुख्य कारण बताया जा रहा है. हिमाचल के किसानों का इस संबंध में कहना है कि टमाटर के बाद अब फूलगोभी के दाम भी बाजार में काफी गिर गए हैं. ऐसे में खाद और दवाईयों पर लगने वाली लागत भी नहीं निकल पा रही है. किसानों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि फूलगोभी की फसल का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया जाए.
फूलगोभी के इस सीजन में किसानों को हो सकता है नुकसान
हिमाचल प्रदेश में इस साल फूलगोभी की फसल काफी अच्छी हुई है और किसानों ने बेहतर कारोबार की भी उम्मीद की है, लेकिन मौजूदा समय में फूलगोभी के दाम छह रुपये प्रतिकिलो मिल रहे हैं. जो कि खेती में लगाई गई लागत से काफी कम हैं. इसलिए किसानों का कहना है कि बाजार में टमाटर के दाम पहले ही काफी गिर चुके हैं और अब फूलगोभी के दाम भी कम हो गए हैं, ऐसे में इस सीजन में नुकसान हो सकता है.
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