अन्नदाता के सामने घुटनों पर पेप्सिको, मुकदमा लिया वापस
किसानों के बढ़ते हुए विरोध के कारण आखिरकार पेप्सिको कंपनी को नीचे झूकना पड़ा। जी हां, चारो तरफ से बढ़ते हुए दबाव का सामना कर रही कंपनी ने गुजरात के नौ किसानों के खिलाफ दायर याचिका को वापस ले लिया है। इस बारे में बताते हुए कंपनी ने मीडिया से कहा कि "पेप्सिको ने हमेशा से ही किसानों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए हैं, लेकिन क्योंकि हमारे द्वारा एक खास विविधता वाले रजिस्टर्ड आलू की गैरकानूनी रूप से खेती हो रही थी, जिस वजह से हमे विरोध में आना पड़ा।" कंपनी ने कहा कि फिलहाल सरकार के साथ बातचीत होने के बाद हमने इस मुकदमे को वापस लेने का फैसला किया है।
किसानों के बढ़ते हुए विरोध के कारण आखिरकार पेप्सिको कंपनी को नीचे झूकना पड़ा। जी हां, चारो तरफ से बढ़ते हुए दबाव का सामना कर रही कंपनी ने गुजरात के नौ किसानों के खिलाफ दायर याचिका को वापस ले लिया है। इस बारे में बताते हुए कंपनी ने मीडिया से कहा कि "पेप्सिको ने हमेशा से ही किसानों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए हैं, लेकिन क्योंकि हमारे द्वारा एक खास विविधता वाले रजिस्टर्ड आलू की गैरकानूनी रूप से खेती हो रही थी, जिस वजह से हमे विरोध में आना पड़ा।" कंपनी ने कहा कि फिलहाल सरकार के साथ बातचीत होने के बाद हमने इस मुकदमे को वापस लेने का फैसला किया है।
इस वजह से आमने-सामने आए किसान और पेप्सिको:
कंपनी की माने तो उसे किसान अधिकार अधिनियम के तहत आलू की एक खास किस्म पर उसे पीवीपी अधिकार प्रापत है, जिस वजह से आलू के इस खास किस्म की खेती कोई और नहीं कर सकता।
वहीं इस मामले में किसानों का कहना है कि उन्हें प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वेराइटीज ऐंड फार्मर्स राइट्स के तहत संरक्षित किस्म के बीजों के उत्पादन और इसकी बिक्री का पूरा अधिकार है, और पेप्सिको इस पर अपने बौद्धिक संपदा का दावा नहीं कर सकती.
English Summary: Knees in front of farmersPublished on: 06 May 2019, 06:19 PM IST
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