आज कल किसान अपनी फसलों से अच्छी उपज पाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं. यही वजह है कि कई बार इसका नुकसान भी किसानों को झेलना पड़ता है. ऐसे में कृषि जागरण चौपाल में आज मौजूद कृषि वैज्ञानिक दीपक मल्होत्रा ने जैविक खेती के फायदे बताते हुए किसानों को कई बड़ी और महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
कृषि जागरण ने किया KJ Chaupal का आयोजन
जैसा कि आप हमारे पाठक होने के नाते अब तक ये जरूर जान गए होंगे कि कृषि जागरण आए दिन KJ Chaupal का आयोजन करता है. इसमें कृषि से जुड़े गणमान्य व्यक्ति या फिर प्रगतिशील किसानों को अपनी राय सबके सामने साझा करने का मौका मिलता है. इसी कड़ी में आज के कृषि जागरण चौपाल (KJ Chaupal) में कृषि वैज्ञानिक दीपक मल्होत्रा और एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर के सहायक प्रोफेसर व प्लेसमेंट समन्वयक अभिषेक शुक्ला ने शिरकत की.
इस दौरान कृषि वैज्ञानिक दीपक मल्होत्रा ने हमारे मंच से देश के किसानों को कई महत्वपूर्ण जानकारियों से रूबरू करवाया. इस अवसर पर केजे चौपाल में कृषि जागरण के संपादक एम.सी. डोमिनिक और पूरी टीम द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया और सम्मान के प्रतीक के रूप में पौधा भेंट किया गया.
खेती के लिए सही मिट्टी और शुद्ध पानी सबसे महत्वपूर्ण
कृषि वैज्ञानिक दीपक मल्होत्रा ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि फसलों के लिए सबसे जरूरी अच्छी मिट्टी और पानी की अच्छी गुणवत्ता है. अगर इन दोनों ही चीजों में से एक भी चीज खराब होती है तो किसानों को इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है. उन्होंने मिट्टी को सही करने का तरीका बताते हुए किसानों को सलाह दी कि अपनी मिट्टी सुधारने के लिए किसानों को लगातार देसी गाय के गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर किसान प्रति एकड़ 2 लीटर गोमूत्र का छिड़काव करेंगे तो उन्हें इसका परिणाम मात्र तीन महीने में ही देखने को मिलने लगेगा. उन्होंने किसानों को देसी गाय की नस्ल को पालने की सलाह दी. इसके साथ ही कहा कि देसी गाय का गोबर हो, गोमूत्र हो या फिर दूध-दही या छाछ ये सभी ही फायदेमंद होते हैं. उन्होंने किसानों को अपनी फसलों में देसी गाय के दूध से बनी छाछ के छिड़काव करने की भी सलाह दी.
खेत के एक हिस्सें में उत्तर पश्चिम दिशा में डीप रूटेड पेड़ लगाएं
इसके साथ ही उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि अगर वो अपने खेत के एक तिहाई हिस्से में उत्तर पश्चिम दिशा में डीप रूटेड पेड़ (Deep rooted Tree) लगाते हैं, तो उन्हें इसका बहुत बड़ा फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इससे उनके खेत में नमी बनी रहेगी, वहां का वातावरण सही रहेगा, मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार नजर आयेगा. इसके साथ ही इन पड़ों की वजह से बारिश व ओलावृष्टि आने पर इसका असर फसलों पर कम पड़ेगा और किसान मौसम की मार की वजह से होने वाले फसल नुकसान से बहुत हद तक बच सकते हैं.
पंचगव्य किसानों के लिए वरदान
कृषि वैज्ञानिक दीपक मल्होत्रा ने किसानों को अपनी फसलों में देसी गाय के पंचगव्य को इस्तेमाल करने की सलाह दी. कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि अगर फसलों में पंचगव्य का इस्तेमाल किया जाता है तो इससे पैदावार तो बढ़ेगी ही इसके साथ ही फसलों की गुणवत्ता में भी सुधार आयेगा. उन्होंने मुर्गीपालन करने वाले किसानों को भी अपनी मुर्गियों को 1ml पंचगव्य खिलाने की सलाह दी.
इसके अलावा KJ Chaupal में मौजूद एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर के सहायक प्रोफेसर व प्लेसमेंट समन्वयक अभिषेक शुक्ला ने कृषि जागरण की युवा टीम की सराहना करते हुए कहा उन्हें इस मंच पर आकर बेहद खुशी हो रही है.
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