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अब मरुस्थल में उगा सकेंगे केरल के नारियल
वैसे तो लोग आमतौर पर राजस्थान को मरुस्थल कहते हैं। खेती के लिए किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन खेती में नई चीजों की शुरुआत करने में पीछे नहीं हट रहा। बड़ें छोटे ही स्तर पर राजस्थान उत्कृष्टता केंद्र से नारियल की खेती की शुरुआत करने वाला है। प्रारंभ में दो हैक्टेयर के रकबे से नारियल की खेती की जाएगी। इसके लिए केरल स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- रिसर्च सेंटर से 400 पौधे मंगवाए गए हैं।
वैसे तो लोग आमतौर पर राजस्थान को मरुस्थल कहते हैं। खेती के लिए किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन खेती में नई चीजों की शुरुआत करने में पीछे नहीं हट रहा। बड़ें छोटे ही स्तर पर राजस्थान उत्कृष्टता केंद्र से नारियल की खेती की शुरुआत करने वाला है। प्रारंभ में दो हैक्टेयर के रकबे से नारियल की खेती की जाएगी। इसके लिए केरल स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- रिसर्च सेंटर से 400 पौधे मंगवाए गए हैं।
नारियल की खेती के लिए राज्य के अधिकारियों ने खुद केरल जाकर जानकारी हासिल की है। इस बीच इन लाए गए पौधों का उत्कृष्टता केंद्र पर रोपित किया जाएगा।
दरअसल जानना यह आवश्यक है कि जिसकी खेती के लिए नमी की आवश्यकता होती है उसे अब मरुस्थल में उगाने की कवायद चल रही है। तो वहीं इसके लिए जमीन भी चिन्हित कर ली गई है। राज्य के बीसलपुर के टोंक क्षेत्र में इसकी खेती की जाएगी जिसके लिए सरकार सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है।
English Summary: Kerala coconut can now grow in the desert
Published on: 11 May 2018, 12:42 AM IST
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