केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों (KendriyaVidyalayas Admissions ) में अब दाखिले के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं. ऐसे में आज हम अपने इस लेख में बतायेंगे कि किन बच्चों को अब दाखिला मिलेगा और किन्हें नहीं. तो ऐसे में जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से...
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों की सिफारिश पर दाखिले नहीं दिए जाएंगे. क्योंकि अब से इन स्कूलों में सांसद कोटा पूरी तरह खत्म कर दिया गया है.
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इसके अलावा भारतीय वायुसेना, नौसेना, थलसेना और कोस्ट गार्ड के प्रत्येक शिक्षा निदेशक, डिफेंस सेक्टर में बने केंद्रीय विद्यालय में प्रति वर्ष 6-6 बच्चों के दाखिले की सिफारिश कर सकेंगे.
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जिन बच्चों के माता-पिता दोनों कोरोना की वजह से मर गए हैं. उन बच्चों का केंद्रीय विद्यालय में जिलाधिकारी की सिफारिश से दाखिला हो सकेगा और उनसे किसी प्रकार की कोई एडमिशन फीस नहीं ली जाएगी.
हालांकि एक जिलाधिकारी हर साल केवल ऐसे 10 बच्चों की ही एडमिशन के लिए सिफारिश कर सकेगा. इसके साथ ही एक क्लास में अधिकतम 2 बच्चों की सिफारिश हो सकेगी.
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जिन केंद्रीय कर्मचारियों की नौकरी के दौरान मौत हो गई थी, उनके बच्चों का भी केन्द्रीय विद्यालय में सीधा दाखिला हो सकेगा.
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इसके अलावा वीरता पुरस्कार धारकों के बच्चों का भी एडमिशन केन्द्रीय विद्यालय में सीधा हो सकेगा.
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स्काउट एंड गाइड्स श्रेणी में जिन बच्चों को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला है, वे भी केंद्रीय विद्यालय में आसानी से एडमिशन ले सकते हैं.
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खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) में काम करने वाले कुल कर्मियों के 15 बच्चों को ही हर साल केंद्रीय विद्यालय में दाखिला मिल सकेगा. जिनमें दिल्ली स्थित केंद्रीय विद्यालयों में रॉ का कुल कोटा 5 रहेगा. जबकि बाकी 10 सीटें दिल्ली के बाहर किसी भी केंद्रीय विद्यालय की हो सकती हैं.
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केंद्रीय पुलिस बल और असम राइफल्स में B या C ग्रुप में काम करने वाले कर्मियों के बच्चों के लिए सालाना कोटा कुल 50 रखा गया है.
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इसके अलावा निर्वासित कश्मीरी पंडितो के बच्चों को केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा अतिरिक्त सुविधा प्रदान की है. इनके लिए दाखिले की तारीख 30 दिन आगे बढ़ाई जा सकती है और इन्हें प्रवेश परीक्षा में SC/ST वर्ग को मिलने वाली छूट भी दी जाएगी.
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