राजस्थान के नागौर जिले के बलाया गांव की सुश्री कविता शिवकिरण को बायोटेक-कृषि इनोवेशन साइंस एप्लीकेशन नेटवर्क (बायोटेक किसान हब फॉर वेस्टर्न ड्राई रीजन) मिशन कार्यक्रम के तहत महिला किसान बायोटेक फैलोशिप के लिए चुना है। दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (एसएबीसी), जोधपुर और राष्ट्रीय बिजीय मसालों अनुसंधान केंद्र (एनआरसीएसएस), अजमेर द्वारा कार्यान्वित पश्चिमी शुष्क क्षेत्र के लिए डीबीटी बायोटेक किसान हब के तहत महिला किसान बायोटेक फैलोशिप के तहत 2021-22 के लिए ₹ 10,000/- रूपए प्रति माह की फैलोशिप राशि प्रदान की जाएगी।
नागौर जिले के बलाया गांव में 14 जुलाई 2021 को हुए सम्मान समारोह में कविता को यह सम्मान प्रदान किया गया। फैलोशिप से सम्मानित होने के पर कविता ने इसे महिलाओं का सम्मान बताया और भारत सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग व दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (एसएबीसी), जोधपुर और (एनआरसीएसएस), अजमेर का आभार जताया।
इस अवसर पर डॉ भागीरथ चौधरी ने कविता को बधाई देते हुए कहा कि कविता का चयन दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र के अध्यक्ष डॉ सीडी माई के नेतृत्व में चयन समिति ने किया। उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि राजस्थान की किसी महिला किसान को इस फैलोशिप के लिए चुना गया है। यह परियोजना किसानों को अच्छी फसल मिले उसके लिए प्रशिक्षण का काम करती है। ताकि उन्हें अपनी फसल का ज्यादा से ज्यादा दाम मिल सके। कविता शिवकरण भी अब इसकी टीम के साथ मिलकर काम करेगी और अपने सर्किल के किसानों को प्रशिक्षित करेगी। कविता का चयन रबी 2020 में जीरा के आईपीएम आधारित क्षेत्र प्रदर्शन के कार्यान्वयन में उसके प्रदर्शन और भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की परियोजना संचालन और इस संबंध में निगरानी समिति (पीएसएमसी) के सदस्यों के साथ बातचीत के आधार पर हुआ है।
दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (एसएबीसी), जोधपुर के डॉ भागीरथ चौधरी ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में डीबीटी बायोटेक किसान हब गतिविधियों को बढ़ावा देने में अब कविता की सक्रिय भागीदारी और महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। जिसके तहत वह डीबीटी-एसएबीसी बायोटेक किसान हब और इसकी परियोजना गतिविधियों को समझकर प्रशिक्षण कार्यक्रमों, प्रयोगशाला के दौरों और डीबीटी-एसएबीसी बायोटेक किसान हब के क्षेत्र प्रदर्शन में भाग लेंगी।
सम्मान समारोह के इस अवसर पर डॉ भागीरथ चौधरी, डॉ एस एस मीणा, डॉ मुरलीधर मीणा, डॉ नरेश व डॉ संदीप आगले मौजूद थे। सम्मान समारोह में ग्रामीणों ने भी बढ-चढकर भाग लिया। बलाया के साबूराम काला, अर्जुनराम, कोजाराम, नरपत, जयपाल व कविता शिवकिरण सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
इस मौके पर वैज्ञानिकों ने खेत में खडी चालीस दिन की कपास की फसल का निरीक्षण किया और फसलों पर कीट की समस्या का समाधान बताया। वैज्ञानिकों ने खेत की मिटटी आदि के नमूने लिए और कपास माईट (mite) की समस्या के समाधान पर सलाह दी।
किसान बायोटेक फैलोशिप पर अधिक जानकारी के लिए दक्षिण एशिया बॉयोटेक्नोलॉजी केन्द्र के डा संदीप आगले से [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है।
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