झारखंड सरकार कृषि के विकास और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई अहम योजनाएं बनाती रहती है. राज्य सरकार का मानना है कि आज के दौर में जितना महत्व कृषि का हैं, उतना ही महत्व पशुपालन का भी है. ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की. इस बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में झारखण्ड अग्रणी राज्य बन गया है, लेकिन अब राज्य को दुग्ध और अंडा उत्पादन में भी अग्रणी बनाना है.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
राज्य को दुग्ध एवं अंडा उत्पादन में अग्रणी बनाने के लिए लक्ष्य तय करना होगा, ताकि इसके उत्पादन में भी राज्य आत्मनिर्भर बन सके. इसके साथ ही पशुपालन क्षेत्र पर विशेष ध्यान देगा होगा. अगर क्षेत्र की भौगोलिक रचना को देखा जाए, तो वहां के लोगों की रुचि पशुपालन को बढ़ावा देने में है. ऐसे में विभाग को इसकी विशेष योजना बनाकर कार्य करना चाहिए.
केसीसी के लिए चलेगा अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ देने के लिए प्रखंड स्तर पर विशेष अभियान चलाए जाएं. इसके लिए किसानों से 15 जुलाई तक आवेदन प्राप्त करना सुनिश्चित होना चाहिए. इसके साथ ही शिविर लगाकर आवेदन लेने की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए. अगर बैंक से सहयोग नहीं मिलता है, तो बैंक से विभाग स्पष्टीकरण मांगे. झारखण्ड सरकार सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने के लक्ष्य पर लगातार कार्य कर रही है.
मत्स्य पालन से आर्थिक क्षमता में होगी वृद्धि
मुख्यमंत्री द्वारा मत्स्य प्रभाग को निर्देश दिये गये कि राज्य में जो खुले खनन परिसर बंद हो चुके हैं, वहां मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाए. इससे जनता का आर्थिक विकास होगा. विभिन्न जलाशयों में केज कल्चर के माध्यम से हो रहे मत्स्य पालन में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए. मछली या मछली बीज की कमी भी नहीं होनी चाहिए.
साथ ही विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाए. जब तक रिक्त पदों पर नियुक्तियां नही की जाती तब तक अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर कार्य किया जाए.
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