फलों का राजा आम है। उसमें भी जर्दालु आम भागलपुर की पहचान है। इसलिए ब्रांडिंग के लिए देश के कोने-कोने तक आकर्षक पैक में जर्दालु आम व लीची को पहुंचाया जाएगा, ताकि इन फलों का उत्पादन करने वाले किसानों को बेहतर बाजार मूल्य मिल सके। बीएयू के कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहीं। वह बीएयू में फलों के विपणन एवं निर्यात में पैकेजिंग के महत्व व उससे होने वाले लाभ पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कुलपति ने कहा कि जर्दालु आम की खुशबू देशभर में फैलने से किसानों के भी चेहरे खिलेंगे।
उन्होंने कहा कि आकर्षक पैकेजिंग से फलों की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होती है। वहीं उद्यान फल विभाग के अध्यक्ष डॉ. फिजा अहमद ने फलों के विपणन एवं निर्यात में पैकेजिंग के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला का आयोजन बीएयू में इस्टर्न इंडिया कॉरूगेटेड बाक्स मैन्युफेक्तिचरंग एसोसिएशन (ईआइसीएमए), बिहार मैंगो ग्रोवर्स फेडरेशन एवं जिला उद्यान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। ईआइसीएमए के सचिव अच्युत चंद्रा ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से सीएफबी बाक्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बाक्स की विशेषता एवं गुणवत्ता व फलों की परंपरागत पैकिंग विधि के साथ तुलनात्मक विवरण भी प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में सेब, गुजरात में टमाटर एवं महाराष्ट्र में अल्फांसो आम को इन बक्सों में पैक किया जाता है, जो ग्राहकों तक पूरी सहजता से पहुंच रहे हैं।
जिसके कारण इनके बेहतर मूल्य मिल रहे हैं। उन्होंने प्रजेंटेशन के दौरान बक्सों का भी प्रदर्शन किया। हालांकि कार्यशाला के दौरान किसानों का ध्यान उन बक्सों की कीमत पर ही टीका रहा। सहायक निदेशक उद्यान ने कहा कि इसके लिए एसोसिएशन एवं सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत है। कार्यक्र म में बतौर मुख्य अतिथि जिला उद्यान विभाग के सहायक निदेशक विजय कुमार पंडित मौजूद थे। कार्यशाला में बीएयू के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आरके सोहाने, रणधीर चौधरी, मिलन डे एवं नरेंद्र कुमार झुनझुनवाला सहित बड़ी संख्या में आम उत्पादक किसान एवं वैज्ञानिक भी मौजूद थे।
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