प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी को ब्रह्माकुमारी और केंद्रिय जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से चलाए जा रहे जल-जन अभियान का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने इस अभियान के उद्देश्य और महत्ता पर बात की. साथ ही उन्होंने किसानों की खेती करने के लिए पानी संरक्षित करने की कई सारे योजनाओं का भी जिक्र किया. ऐसे में चलिए जानते हैं कि पीएम मोदी ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए देश के किसानों के लिए क्या कहा.
‘नमामि गंगे’ अभियान, आज देश के विभिन्न राज्यों के लिए एक मॉडल बनकर उभरा है। pic.twitter.com/QyVy469Sm0
— PMO India (@PMOIndia) February 16, 2023
गंगा किनारे प्राकृतिक खेती जैसे अभियान भी हुए शुरू
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते दशकों में हमारे यहाँ एक ऐसी नकारात्मक सोच भी बन गई थी कि हम जल संरक्षण और पर्यावरण जैसे विषयों को मुश्किल मानकर छोड़ देते हैं. कुछ लोगों ने ये मान लिया था कि ये इतने बड़े काम हैं कि इन्हें किया ही नहीं जा सकता! लेकिन बीते 8-9 वर्षों में देश ने इस मानसिकता को भी बदला है, और हालात भी बदले हैं. ‘नमामि गंगे’ इसका एक सशक्त उदाहरण है. आज न केवल गंगा साफ हो रही हैं, बल्कि उनकी तमाम सहायक नदियां भी स्वच्छ हो रही हैं. गंगा के किनारे प्राकृतिक खेती जैसे अभियान भी शुरू हुए हैं. ‘नमामि गंगे’ अभियान, आज देश के विभिन्न राज्यों के लिए एक मॉडल बनकर उभरा है.
किसान खेती में ड्रिप इरिगेशन तकनीक का करें इस्तेमाल
इस दौरान पीएम मोदी ने किसानों के लिए कहा कि खेती में पानी से संतुलित उपयोग के लिए देश ड्रिप इरिगेशन जैसी तकनीक को बढ़ावा दे रहा है. आप किसानों को इसके ज्यादा से ज्यादा प्रयोग के लिए प्रेरित करें. इस समय भारत की पहल पर पूरा विश्व, इंटरनेशनल मिलेट ईयर भी मना रहा है. हमारे देश में मिलेट्स, जैसे श्रीअन्न बाजरा, श्री अन्न ज्वार, सदियों से खेती और खानपान का हिस्सा रहे हैं. मिलेट्स में पोषण भी भरपूर होता है, और इनकी खेती में पानी भी कम लगता है. इसलिए, ज्यादा से ज्यादा लोग अपने भोजन में मोटे अनाजों को शामिल करें, आप इसके लिए उन्हें बतायेंगे तो इस अभियान को ताकत मिलेगी और पानी का संरक्षण भी बढ़ेगा.
‘Catch the rain’ मूवमेंट की शुरुआत
पीएम मोदी ने कहा कि जल प्रदूषण की तरह ही, गिरता भूजल स्तर भी देश के लिए एक बड़ी चुनौती है. इसके लिए देश ने ‘Catch the rain’ मूवमेंट शुरू किया, जो अब तेजी से आगे बढ़ रहा है. देश की हजारों ग्राम पंचायतों में अटल भूजल योजना के जरिए भी जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है. देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर के निर्माण का अभियान भी, जल संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम है.
‘जल-जन अभियान’ क्यों महत्वपूर्ण है?
PM मोदी ने कहा कि ‘जल-जन अभियान’ एक ऐसे समय में शुरू हो रहा है, जब पानी की कमी को पूरे विश्व में भविष्य के संकट के रूप में देखा जा रहा है. 21वीं सदी में दुनिया इस बात की गंभीरता को समझ रही है कि हमारी धरती के पास जल संसाधन कितने सीमित हैं. इतनी बड़ी आबादी के कारण वॉटर सेक्योरिटी भारत के लिए भी एक बड़ा प्रश्न है. इसलिए आजादी के अमृतकाल में आज देश ‘जल को कल’ के रूप में देख रहा है.
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जल रहेगा, तभी आने वाला कल भी रहेगा और इसके लिए हमें मिलकर आज से ही प्रयास करने होंगे. मुझे संतोष है कि जल संरक्षण के संकल्प को अब देश एक जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ा रहा है. ब्रह्मकुमारी के इस ‘जल-जन अभियान’ से जनभागीदारी के इस प्रयास को नई ताकत मिलेगी. इससे जल संरक्षण के अभियान की पहुँच भी बढ़ेगी, प्रभाव भी बढ़ेगा. मैं ब्रह्मकुमारी संस्था से जुड़े सभी वरिष्ठ मार्गदर्शकों का, इसके लाखों अनुयायियों का हृदय से अभिनंदन करता हूँ.
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