आम फल के उत्पादन को बढ़ाने देने के लिए भारत-इजराइल तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसकी पहल शुरू हो गई है। इजराइल के तकनीकी विशेषज्ञ ने मंडल के किसानों को आम फल उत्पादन बढ़ाने के टिप्स दिए। उन्होंने बागों के जीर्णोद्धार से होने वाले लाभ की जानकारी दी। साथ ही इसमें पौधों को लगाने की जानकारी भी प्रदान की गई है। भारत-इजराइल के सहयोग से स्थापित सेंटर आफ एक्सीलेंस फार फ्रूट पर कैनोपी प्रबंधन एवं पुराने अनुत्पादक आग के पेड़ों का जीर्णोद्धार करने के लिए बस्ती, फैजाबाद, आजमगढ़, गोरखपुर और देवीपाटन गोंडा मंडल के किसानों को उद्यान प्रशिक्षण केंद्र पर प्रशिक्षित किया गया है। इजराइल के कृषि विशेषज्ञ एलियाहू सिमेंसकी व इंडो-इजराइल के प्रोजेक्ट अफसर ब्रह्ममदेव, संयुक्त निदेशक उद्यान डा. आर.के तोमर ने कैनोपी प्रबंधन तकनीकी से पौधे कैसे लगाएं, ऊंचाई, लाइन की दूरी की जानकारी दी।
उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि आपस में पौधे के बीच की दूरी 70 फीसद तक होनी चाहिए, पौधे का फैलाव 30 फीसद से अधिक दूरी न हो, पौधे की कटाई-छटाई का कार्य फल तुड़ाई के बाद करने व बारिश खत्म होने के बाद करने एवं सर्दी में बेहतर होने की जानकारी दी। प्रूनिग किए गए पौधे में सिचाई एवं उर्वरक प्रबंधन के अच्छे परिणाम के लिए आवश्यक बताया गया। जन प्रभारी व उद्यान निरीक्षक धर्मेंद्र चौधरी ने जानकारी दी। बताया कि रुधौली क्षेत्र में आदित्य विक्रम ¨सह की बाग अठदमा में तकनीक का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रभारी जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र पांडेय के अलावा, संतकबीरनगर, फैजाबाद, आजमगढ़, गोरखपुर, कुशीनगर, बलिया, मऊ के जिला उद्यान अधिकारी मौजूद रहे।
किशन अग्रवाल, कृषि जागरण
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