उत्तराखंड में हर साल मानसून के दिनों में बाढ़ की स्थिति देखने को मिलती है. इस बाढ़ से यहां का जनजीवन पूरी तरीके से अस्त-व्यस्त हो जाता है. इससे सड़कों और खेतों में पानी भर जाता है तो कई लोगों के घर भी डूब जाते है. यही नहीं बारिश कभी-कभी इतनी आफत बन कर आती है कि पहाड़ों से बड़ी-बड़ी चट्टान समेत अपने साथ कई चीजें बहा ले जाती है.
उत्तराखंड सिंचाई विभाग ने बाढ़ से निपटने की तैयारी की पूरी
इस साल भी मानसून, राज्य में अभी से अपना कहर दिखाने लगा है. लेकिन सिंचाई विभाग का कहना है कि राज्य में बाढ़ की स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी की जा चुकी है. उत्तराखंड सिंचाई विभाग के मुताबिक, बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सभी जिलों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं, इसके तहत अब तक पूरे राज्य में 113 बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाए जा चुके हैं.
बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाने का मकसद
राज्य के सिंचाई विभाग का कहना है कि बाढ़ नियंत्रण कक्ष में तैनात कर्मचारी किसी भी नदी के जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन को तुरंत सतर्क करने का काम करेंगे. ऐसे में समय पर जानकारी मिलने के बाद राहत बचाव का काम जल्दी ही चालू किया जा सकेगा, जिससे निचले स्थानों पर रहने वाले लोगों और मवेशियों को सुरक्षित किया जा सकेगा.
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लोक निर्माण विभाग ने भी पूरी की तैयारी
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने ट्वीट करते हुए कहा हैं कि मॉनसून सीजन में होने वाली अप्रिय घटनाओं की आशंका के चलते हमने सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद कर ली हैं. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कुमाऊं व गढ़वाल मंडल में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया गया है. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर भी जारी कर दिया है.
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