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International year of millets 2023: कृषकों के पसंदीदा कृषि जागरण के मुख्यालय में 12 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 (International year of millets 2023) के समर्थन में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कृषि जागरण के 'मिलेट्स पर विशेष संस्करण' (SPECIAL EDITION ON MILLETS) का अनावरण वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला द्वारा किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय मत्स्य और पशुपालन मंत्री परशोत्तम रुपाला वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहें.
कृषि जागरण में हुआ मिलेट्स को लेकर भव्य कार्यक्रम
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष (International year of millets 2023) घोषित किया है. जैसा कि अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के समर्थन में देशभर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में कृषि जागरण ने भी अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 को लेकर 12 जनवरी को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम कृषि जागरण के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला के अलावा कई गणमान्य लोगों ने शिरकत की.
कार्यक्रम का उद्देश्य
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से दो विषयों पर चर्चा की गई है, जिसमें "मिलेट्स पर राउंड टेबल चर्चा" और "भारतीय किसानों की समृद्ध संभावनाएं और भुलाया हुआ न्यूट्रीगोल्ड" विषय शामिल हैं. इसके साथ ही कार्यक्रम में मिलेट्स या मोटे अनाज के उत्पादकता और उत्पादन को देश में कैसे बढ़ाया जाए इस पर भी चर्चा की गई.
कार्यक्रम में मोटे अनाजों से बने तरह-तरह के पकवान भी परोसे गए, जिसमें घिंजा, बिरंजी और ढिंढका आदि शामिल थे.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों द्वारा कही गई अहम बातें-
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परशोत्तम रुपाला ने की कृषि जागरण के काम की सराहना
परशोत्तम रुपालाने कहा कि मुझे अपार हर्ष हो रहा है कि मैं आज कृषकों के पसंदीदा प्लेटफ़ॉर्म कृषि जागरण के 'मिलेट्स पर विशेष संस्करण' में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से मैगज़ीन का अनावरण किया. अनावरण के बाद बोलते हुए मंत्री रूपाला ने कहा कि- स्पेशल अंक के विमोचन के लिए आप सबको बधाई और शुभकामनाएं, कृषि जागरण के फाउंडर और प्रधान सम्पादक एमसी डोमिनिक एमसी डोमिनिक को अपना मित्र बताते हुए कहा कि आपके मिलेट्स पर किए जा रहे कामों से किसानों को बल मिलेगा. परशोत्तम रूपाला ने 2023 को मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाए जाने के पीछे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने आगे कहा कि मिलेट्स हमारा प्राचीनतम खाद्य है. पहले हमारी खेती मोटे अनाज आधारित थी. कृषि जागरण के विशेष पहल FTJ की तारीफ़ करते हुए उन्होंने प्रधान सम्पादक एमसी डोमिनिक की तारीफ़ की और कहा कि ये जानकर अच्छा लगा कि इसके माध्यम से सैकड़ों किसान अब पत्रकार बन गए हैं.

कैलाश चौधरी ने कार्यक्रम में लिया हिस्सा
कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिये हिस्सा ले रहे केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री ने भी कृषि जागरण को आज के इस कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने मोटे अनाजों को विश्व भर में फैलाने के प्रयासों के लिए पीएम मोदी की तारीफ़ की. उन्होंने मोटे अनाजों से बने व्यंजन को स्वादिष्ट बताया और लोकसभा में सभी सांसदों द्वारा मिलेट व्यंजन खाने के कार्यक्रम का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को मिली वाहवाही के बाद मिलेट्स की मांग बढ़ती ही जा रही है.
उन्होंने मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की कोशिशों का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि मिलेट्स उत्पादन विश्व में सबसे ज़्यादा भारत में होता है और छोटे किसान इसका सबसे ज़्यादा उत्पादन करते हैं. इससे निश्चित तौर पर इन किसानों का कल्याण होगा.
उन्होंने कहा कि मैं हमेशा मिलेट्स की ठंडी रोटी खाता हूं जो बहुत स्वादिष्ट होती है. उन्होंने कृषि जागरण के दर्शकों से कहा कि वो अपने घर पर रागी, बाजरा आदि से बने व्यंजनों का सेवन ज़रूर करें.
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
एसके मल्होत्रा ने मोटे अनाज पर कही ये बातें
कृषि जागरण के विशेष कार्यक्रम में एसके मल्होत्रा, प्रोडक्ट डायरेक्टर, (DKMA) ICAR ने बोलते हुए एक प्रेजेंटेशन पेश किया. उन्होंने आगे कहा कि, हमारे जो मुख्य मिलेट हैं वो पर्ल, ज्वार और रागी हैं. एसके मल्होत्रा ने लघु मिलेट के बारे में भी बताया. उन्होंने जानकारी दी कि सिंधु सभ्यता में मिलेट्स के अवशेष मिलते हैं. ये हमारी सबसे पहली फ़सल थी. शुरूआत में इसकी पहचान घास के रूप में हुई. 90 मिलियन पॉप्यूलेशन मिलेट्स पर डिपेंड है. भारत मिलेट्स का दुनिया में प्रमुख उत्पादक देश है. मिलेट्स की ख़ासियत ये है कि जलवायु परिवर्तन का असर इस पर नहीं पड़ता है और हमारा किसान बड़ी आसानी से इन फ़सलों की खेती कर सकता है. मिलेट्स की फ़सलों में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि हमने जब इसका नाम न्यूट्री सीरियल्स किया तो एफ़एओ रोम से हमें प्रशंसा मिली. साल 2023 को मिलेट्स इयर के रूप में सेलिब्रेट करने के पीछे भारत सरकार का प्रयास है. पूरी दुनिया में भारत के मिलेट्स की धूम मची हुई है
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लीना जॉनसन ने दी शुभकामनाएं
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एग्रीकल्चरल जर्नलिस्ट्स (IFAJ) की अध्यक्ष और अर्जेंटीना की जानी-मानी पत्रकार लीना जॉनसन ने कृषि जागरण के कामों के लिए प्रशंसा की और भविष्य के योजनाओं के लिए शुभकामनाएं दी.
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गणेश जोशी ने कहा हमने मोटे अनाज शुरू की एमएसपी
गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री, उत्तराखंड सरकार ने मिलेट्स पर कृषि जागरण द्वारा आयोजित कार्यक्रम और विशेष संस्करण के लिए कृषि जागरण को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन से राज्य सरकार मोटे अनाजों के लिए अनेक काम कर रही है. मडुवा उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार के कामों का उन्होंने ज़िक्र करते हुए बताया कि हमने मडुए पर एमएसपी की शुरूआत की. हमने इस फ़सल से बिचौलियो को बाहर किया और अब किसानों से सीधा उपज ख़रीद रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कामों से हमारे किसान बेहद उत्साहित हैं. मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य के स्कूलों में मिड डे मील में हम मोटे अनाज बने खीर दे रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि पलायन हमारे यहां बड़ा मुद्दा है लेकिन मिलेट्स उत्पादन बढ़ाकर हम पलायन को रोकने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि हम मिलेट्स उत्पादन को दोगुना करने का संकल्प लेते हैं. अंत में उन्होंने कृषि जागरण और इसके प्रधान सम्पादक एमसी डोमिनिक का आभार व्यक्त किया.

डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा किसानों को देंगे ट्रेनिंग
डॉ. मनमोहन सिंह चौहान, वीसी, GBPUAT, पंतनगर ने कहा कि मिलेट्स को लेकर हम किसानों को एक-एक हफ्ते की ट्रेनिंग देंगे और उन्हें आधुनिक और सही तरीक़े से मोटे अनाजों की खेती की जानकारी देंगे. आगे उन्होंने कहा कि हमारा विश्विद्यालय इस पर काम कर रहा है कि किसान कैसे मोटे अनाजों की अच्छी खेती करें जिससे उन्हें आर्थिक लाभ भी हो.
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गिरीश चंदेल ने किया रागी के गुणों का जिक्र
गिरीश चंदेल, वीसी, इंदिरा गांधी कृषि विश्विद्यालय, छत्तीसगढ़ ने लघु मिलेट्स को लेकर विश्विद्यालय द्वारा किए जा रहे कामों का ज़िक्र किया और कहा कि हमने कोदो राइस बनाई है जिसकी वैराइटी पूरे देश में फैली हुई है. कुटकी, सावां और रागी के गुणों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने इस पर विस्तार से चर्चा की. मिलेट कैफे के उद्घाटन के बारे में उन्होंने बात करते हुए कहा कि राज्य में इसका उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था. उन्होंने कहा कि अगर टेस्ट के मुताबिक़ मिलेट खाद्य पदार्थ बनाएंगे तो हम मिलेट्स को दोबारा चलन में लाने में सफल हो पाएंगे. अंत में उन्होंने कृषि जागरण टीम को धन्यवाद दिया.
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एचके चौधरी ने कहा मोटे अनाज के लिए प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध करना जरूरी
एचके चौधरी, वीसी, CSK HPKV पालमपुर ने कहा कि पोषक तत्वों से भरपूर मिलेट्स को हम भूल गए थे लेकिन अब ये फ़सलें ज़रूरी बन गई हैं. उन्होंने महत्वपूर्ण ज़िक्र करते हुए कहा कि किसान मोटे अनाजों को उगा तो लेगा लेकिन उसे बेचने के लिए हमें प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराना होगा.
अंत में कृषि जागरण के एडिटर इन चीफ एमसी डोमिनिक और कृषि जागरण के सीओओ डॉ. पी के पंत ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया.
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