अगर कोई किसान भाई आधुनिक तरीके से खेती करके अधिक मुनाफा कमाना चाहता है, तो वह आधुनिक मशीनों का उपयोग करता है. मगर छोटे किसानों को इस तरह की मशीनों का सहारा लेने में परेशानी होती है, क्योंकि खेती करने के लिए कुछ मशीनें ज्यादा मंहगी आती है. जिस कारण हर किसान मशीनों को खरीद नहीं पाता है, लेकिन अब किसानों को इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार ने किसानों की इस समस्या का समाधान कर दिया है. अगर अब कोई किसान भाई मशीनों से खेती कर पैसा कमाना चाहता है, तो वह केंद्र सरकार की कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) फार्म मशीनरी स्कीम उसका पूरा सहयोग करेगी.
स्कीम की पूरी जानकारी
सीएचसी फार्म मशीनरी स्कीम के तहत आप 60 लाख रुपये तक का प्रोजेक्ट पास करवा सकते हैं. यह एक तरह से बिजनेस मॉडल है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने सीएचसी फार्म मशीनरी स्कीम बनाई है. बता दें कि अगर आप अपने क्षेत्र के किसानों की जरुरतों को समझते है. उनके लिए बड़ी रकम की मशीनें खरीद सकते हैं, तो सरकार की इस स्कीम का लाभ उठा सकते है, जिसमें करीब 24 लाख रुपये सरकार देगी.
इसके अलावा कॉपरेटिव ग्रुप बनाकर भी आप मशीन बैंक तैयार कर सकते हैं, लेकिन इस ग्रुप में 6 से 8 किसान होना अनिवार्य है, तो वहीं इस ग्रुप में अधिकतम 10 लाख रुपये का प्रोजेक्ट पास होगा. ध्यान दें कि अगर आपको 8 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती है, तो आपको सिर्फ 20 परसेंट ही लगाना पड़ेगा. केंद्र सरकार चाहती है कि किसान आसानी से खेती कर सके. इसके लिए किसानों को खेती में नए कृषि उपकरणों के इस्तेमाल की सलाह और उनकी ट्रेनिंग दे रही है.
ऐसे मांग सकते हैं मशीन
इस स्कीम का लाभ उठाने के एक एप तैयार किया गया है. किसान भाई उस एप के जरिए ऑर्डर देकर ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरण बहुत सस्ते दामों में मंगा सकते हैं. इस स्कीम को लेकर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि सीएचसी फार्म मशीनरी स्कीम से खेती को न सिर्फ आसान बनाया जाएगा, बल्कि प्रोडक्शन को भी बढ़ावा मिलेगा. देशभर के किसान कृषि क्षेत्र में आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रयोग से सशक्त बनेंगे. उनका कहना है कि किसानों के लिए कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन की स्थापना की है. जिसमें हर किसान भाई को भारी सब्सिडी पर मशीनें दी जाएंगी. यह आंकड़ा 2014 से 2019 तक का है.
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