बेंगलुरु पांचवें विश्व कॉफी सम्मेलन (डब्ल्यूसीसी) की मेजबानी करने जा रहा है. यह एक बड़ा आयोजन है जहां दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के लिए कॉफी के महत्व के बारे में चर्चा की जाएगी. पहली बार वैश्विक कॉफी सभा भारत में आयोजित की जा रही है. यह पूरे एशिया में भी पहली बार हो रही है. इसका आयोजन 25 से 28 सितंबर तक बेंगलुरु पैलेस में होगा और यह कुल चार दिनों तक चलेगा. अंतर्राष्ट्रीय कॉफ़ी संगठन (ICO) इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारतीय कॉफ़ी बोर्ड, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, कर्नाटक सरकार और कॉफ़ी उद्योग के साथ मिलकर काम कर रहा है.
कौन होगा शामिल
इस सम्मेलन में उद्योग जगत के लोग, विभिन्न देशों के नेता, विशेषज्ञ, कॉफी खरीदने और बेचने वाले बड़े किसान, बड़े कॉफी उद्योग के मालिक, कॉफी प्रेमी और छात्र शामिल होने वाले हैं. यह कार्यक्रम वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में एक उद्घाटन समारोह के साथ शुरू किया गया. इसमें 80 से अधिक देशों के लोग शामिल हो रहे हैं, जिनमें 2,400 प्रतिनिधि, 117 वक्ता और 208 बिजनेसमैन शामिल हो रहे हैं.
कार्यक्रम का थीम
इस सम्मेलन का मुख्य फोकस कॉफी किसानों की मदद करने के तरीके के बारे में चर्चा करना है. इस आयोजन का विषय ‘सर्कुलर इकोनॉमी और रीजेनरेटिव एग्रीकल्चर के माध्यम से स्थिरता' है. इसमें यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि कॉफी का उत्पादन करने वाले और पीने वाले देशों के बीच आपसी सामन्जस्य बना रहे. इस सम्मेलन में कार्यशालाएं, प्रतियोगिताएं और कॉफी के बारे में चर्चाएं होने जा रही है. हर देश के लोग एक दुसरे से मिलेंगे और वह कॉफी के बारे में अपने विचार साझा करेंगे.
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कॉफी संग्रहालय
यहां पर एक कॉफी संग्रहालय भी है, जो विशेष गुंबद के आकार की इमारत है. जहां पर यह दिखाया जाएगा कि भारत में कॉफी कैसे उगाई जाती है और यह कैसे खेत से होते हुए एक आम आदमी के कप तक पहुंचती है. यह विश्व कॉफी सम्मेलन कॉफी प्रेमियों और कॉफी उद्योग के लोगों के लिए एक बड़ी बात है. यह लोगों को जोड़ने और कॉफी के महत्व को पूरी दुनिया के सामने साझा करना है.
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