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Indian Nurserymen Association: बागवानी कर रहे किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं, जानें इसकी संपूर्ण जानकारी

इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन (Indian Nurserymen Association, INA) लगातार नर्सरी उद्योग से जुड़ी समस्याओं और चिंताओं को राष्ट्रीय सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने का काम कर रहा है. ऐसे में चलिए इस लेख में इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के बारे में विस्तार से जानते हैं.

अनामिका प्रीतम
Indian Nurserymen Association
Indian Nurserymen Association

इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन (INA) एक पंजीकृत गैर-सरकारी संगठन है और राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के तहत भारतीय बागवानी परिसंघ (सीआईएच) का आजीवन समिति सदस्य है. एसोसिएशन विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी प्लेटफार्मों पर नर्सरी क्षेत्र की चिंताओं को उठा रहा है और देश में नर्सरी व्यवसाय के समग्र विकास और नर्सरी के लोगों की समस्याओं के स्थायी समाधान लाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है.

विभिन्न राज्यों में 5000 से अधिक आजीवन सदस्यों की राष्ट्रीय उपस्थिति के साथ, आईएनए पौध नर्सरी व्यवसाय से जुड़े लोगों का एकमात्र राष्ट्रीय स्तर का संगठन है. इसने वर्षों से देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे नर्सरी लोगों के बीच सहयोग का निर्माण करके नर्सरी व्यवसाय को फिर से परिभाषित किया है. इसके अलावा, इसने अकादमिक के साथ-साथ वैज्ञानिक संस्थानों और संबंधित क्षेत्रों में सक्रिय संगठनों के साथ सहयोग विकसित किया है. आईएनए के पास पूरे भारत में चार लाख से अधिक किसानों, छोटे किसानों, उत्पादकों और उत्पादकों का एक विस्तारित नेटवर्क है.

वर्तमान में, आईएनए मुख्य रूप से कृषि, बागवानी, फूलों की खेती आदि में किए गए वैज्ञानिक और तकनीकी विकास के इष्टतम उपयोग के माध्यम से नर्सरी व्यवसाय के बहुआयामी विकास से संबंधित है. एसोसिएशन राष्ट्रीय स्तर और साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नर्सरी उद्योग के मुद्दों और चिंताओं को उठाने में भी लगा हुआ है.

आईएनए ने भारत भर में सभी संयंत्र नर्सरी को सूचीबद्ध किया है और एक निर्देशिका, जिसे भारत के महामहिम उपराष्ट्रपति द्वारा जारी किया गया था, प्रकाशित किया गया है. आईएनए 2018 और 2019 में हॉर्टी प्रो इंडिया लाने में भी शामिल था, जो पौधों, नर्सरी, भूनिर्माण, बागवानी और संबद्ध क्षेत्रों पर भारत की सबसे बड़ी प्रदर्शनी और सम्मेलन है.

एसोसिएशन केंद्र सरकार से चीन और थाईलैंड की तर्ज पर देश में चार अंतरराष्ट्रीय नर्सरी हब-उत्तर, पूर्व, पश्चिम और दक्षिण क्षेत्रों में एक-एक स्थापित करने की मांग कर रहा है. इस संबंध में आईएनए जोरदार पैरवी कर रही है.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की वेबसाइट पर नर्सरी पोर्टल शुरू करने में आईएनए की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने पिछले साल पोर्टल का उद्घाटन किया था.

आईएनए पर्यावरण के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने और वृक्षारोपण को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से लगा हुआ है. इसके अलावा, यह विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को अपने परिवेश में स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.

इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन (आईएनए) के अध्यक्ष वाईपी सिंह (YP Singh) ने चीन और थाईलैंड में काम करने वाले केंद्रों की तर्ज पर देश में अंतरराष्ट्रीय नर्सरी हब स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है. इन नर्सरी हब में नर्सरी के लोगों के लिए अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए जगह होनी चाहिए जिसमें विभिन्न प्रकार के पौधे, संबंधित नर्सरी उत्पाद, उपकरण, सेवाएं आदि शामिल हैं. साथ ही एक ही स्थान पर अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों के लिए होटल और रेस्तरां के अलावा निर्यात और आयात की सुविधा भी उपलब्ध हैं.

वाईपी सिंह (7 सितंबर 2022) को नई दिल्ली में बागवानी नर्सरी के आधुनिकीकरण पर आईएनए के सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर परमार्थ निकेतन आश्रम, ऋषिकेश, उत्तराखंड के आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज मुख्य अतिथि थे.

हमारे आदरणीय मुख्य अतिथि पूज्य स्वामी चिदानंद महाराज जी ने ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने पर जोर दिया. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जब एक लड़की पैदा होती है, तो अखरोट के 5 पौधे, कीवी के 5, खुबानी के 5, सेब के 5 और चंदन के 10 पौधे लगाए जाने चाहिए, जब बच्चा बड़ा हो जाए तो पेड़ उसके लिए एक संपत्ति हो सकते हैं. और नर्सरी व्यवसाय को बढ़ाने के लिए उत्तराखंड राज्य में भी ध्यान देना चाहिए. सभी को पर्यावरणविद् बनना चाहिए. उन्होंने भारतीय नर्सरी महिला संघ बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि नर्सरी वाले दुनिया को मिट्टी की ताकत बता रहे हैं. जो लोग मिट्टी से जुड़े होते हैं वे नेता हो सकते हैं. जलवायु परिवर्तन की बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर प्रकृति नहीं होगी तो भविष्य नहीं होगा.

इस अवसर पर धन सिंह रावत जी (कार्यकारी विधान सभा सदस्य, शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री) भी उपस्थित थे. उन्होंने सभी नर्सरीमैन को उनके कार्यों के लिए बधाई दी. उन्होंने यह भी कहा कि विभाग उत्तराखंड में स्कूलों को ग्रीन कैंपस में बदलने की योजना बना रहा है.

विभिन्न संगठनों के विभिन्न अन्य अतिथियों ने कई अलग-अलग विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जैसे गुणवत्ता वाले पौधे, निर्यात में वृद्धि, हम इस व्यवसाय के माध्यम से अपनी आय कैसे बढ़ा सकते हैं, नर्सरी क्षेत्र में तकनीकी प्रगति, कम लागत वाली रोपण सामग्री, पौध पोषण, बीज और रोपण की उच्च गुणवत्ता.

पिछले तीन वर्षों के अपने कार्यकाल के दौरान आईएनए की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए,  वाईपी सिंह ने कहा कि सीओवीआईडी -19 महामारी के कारण लॉकडाउन के बावजूद, आईएनए ने नर्सरी विकास और प्रबंधन, ऊतक संस्कृति, भूनिर्माण, विपणन से संबंधित विभिन्न विषयों पर 100 वेबिनार का आयोजन किया. पौधों, बागवानी, फूलों की खेती, ऊर्ध्वाधर उद्यान आदि के अलावा, यह अपनी मासिक पत्रिका नर्सरी टुडे को नियमित रूप से प्रकाशित कर रहा है.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की वेबसाइट पर नर्सरी पोर्टल शुरू करने में आईएनए की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने पिछले साल नर्सरी पोर्टल का उद्घाटन किया था. यह केंद्र सरकार के साथ आईएनए की वकालत के कारण था कि नर्सरी व्यवसाय पर गलती से लगाए गए जीएसटी को वापस ले लिया गया था.

केंद्र सरकार के साथ आईएनए की वकालत के कारण ही नर्सरी व्यवसाय पर गलती से लगाए गए जीएसटी को वापस बुला लिया गया था. आईएनए ने उद्यमियों को रोजगार के लिए कृषि-बागवानी क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करने का बीड़ा उठाया है.

देश में नर्सरी व्यवसाय के बारे में विश्वसनीय जानकारी की कमी की ओर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने के पीछे आईएनए का हाथ था. इस संबंध में संघ ने राज्य सभा के एक सदस्य द्वारा देश में नर्सरी व्यवसाय का एक सरकारी सर्वेक्षण शुरू करने के बारे में विश्वसनीय डेटा एकत्र करने के लिए संसद में एक प्रश्न उठाया था.

English Summary: Indian Nurserymen Association: No less than a boon for the farmers doing horticulture, know its complete information Published on: 08 September 2022, 05:22 PM IST

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