रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण कई देशों में महंगाई का सिलसिला जारी है, जिसके चलते कई तमाम जरूरी सामानों के दाम बढ़ने लगे हैं, लेकिन इस बीच भारतीय किसानों के लिए यह युद्ध खुशखबरी लेकर आया है.
दरअसल, यह युद्ध अंतर्राष्ट्र बाजार में कई जरूरी चीजों के साथ गेहूं की कीमतों में भी जोरदार उछाल लिया है.
इसी कारण से भारत से गेहूं के निर्यात में एक दम से तेजी देखने को मिली है. बताया जा रहा है कि यह गेहूं की तेजी आगे और भी बढ़ने की उम्मीद है.
उधर बाजार में गेहूं की नई फसल आने को है. अगर विश्व व देश के निर्यात पर यही हालत रही तो देश के किसान भाइयों को बहुत अच्छा मुनाफा होगा, क्योंकि इसे उनको उनकी फसल का बाजार में अच्छा दाम मिलेगा और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक नई पहचान मिलेगी.
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वैश्विक गेहूं की कीमत 24-25 हजार रुपए प्रति टन (Global wheat price 24-25 thousand rupees per ton)
इस विषय पर खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय बताते हैं कि देश में गेहूं की फसल का कुल निर्यात इस साल लगभग 66 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि यह समय भारतीय किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है. जिसे वह अपनी फसल से अच्छा मुनाफे के साथ एक पहचान भी बना सकते हैं. देश में गेहूं की नई फसल 15 मार्च से शुरू होगी. जिससे किसानों को और भी अधिक फायदा होगा. बता दें कि वैश्विक गेहूं की कीमत 24 से 25 हजार रुपए प्रति टन चल रहा है.
उन्होंने यह भी बताया कि इस साल हमें लगभग 70 लाख टन गेहूं निर्यात करने की उम्मीद है. यह देश के किसान व निर्यातों के लिए बेहद अच्छी खबर है.
उधर, कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि, देश में गेहूं का उत्पादन साल 2021-22 में 11 करोड़ 13.2 लाख टन हो सकता है. अगर पिछले साल का आंकड़ा देखा जाए तो यह उत्पादन 10 करोड़ 95.9 लाख टन रहा था.
15 मार्च से शुरू होगी नई फसल (New crop will start from March 15)
इस साल की नई फसल यानी रबी की मुख्य फसल 15 मार्च से भारतीय बाजार में आनी शुरू हो जाएगी और अभी सरकारी गोदामों में गेहूं का अधिशेष भंडार है. जिसे मांग के अनुसार बाजार में पेश किया जाएगा. मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि गेहूं के अलावा चीनी के निर्यात पर वैश्विक कीमतों में साल 2021-22 में लगभग 75 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है. जो पिछले साल के मुकाबले 20 लाख टन से भी अधिक है.
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