यह बात तो फिलहाल किसी से छुपी नहीं है कि अफगानिस्तान में अभी क्या कुछ चल रहा है. वहां स्थिति बेहद तनावग्रस्त है. चौतरफा अफरतफरी भरा आलम है. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए. अफगानिस्तान का भविष्य अभी अधर में लटका हुआ है.
अफगानिस्तान में स्थिति इतनी विकराल हो जाएगी. यह किसी ने नहीं सोचा था, लेकिन क्या करें जिस देश की सरकार अपने सैनिकों को पिछले काफी महिनों से वेतन नहीं दे पा रही है. अब ऐसे में तालिबान का हावी होना तय था.
अमेरिका के इस कदम से बिगड़ी स्थिति
हालांकि, कई महीनों तक अमेरिका की तरफ से अफगानिस्तान को सैन्य सहायता मुहैया कराई, लेकिन जब अमेरिका ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया तो ऐसे में तालिबान का अफगानी सेना पर हावी होना तय था, जिसके भयावह परिणाम हम सब देख ही चुके हैं.
अब ऐसे में आगे चलकर वहां स्थिति क्या रूख अख्तियार करती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन अफगानिस्तान में मौजूदा हालातों की वजह से भारतीय व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है. आइए, इस रिपोर्ट में जानते हैं कि तालिबानियों द्वारा अफगानियों पर कब्जा करने से उन पर क्या कुछ असर पड़ा है.
भारतीय व्यापारियों को झटका..!
अफगानिस्तान में जो कुछ हो रहा है, उसका सीधा असर भारतीय व्यापारियों पर पड़ रहा है. आर्थिक चश्मे से देखें, तो भारतीय व्यापारियों को खासा नुकसान हो रहा है. खासकर त्योहार के मौसम में इन्हें बहुत नुकसान हो रहा है.
आमतौर पर त्योहारी सीजन के दौरान अफगानिस्तान से काफी मात्रा में ड्रैगन फ्रूट भारत आयात किया जाता था, लेकिन अब जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, तो तालिबान ने भारत को ड्रैगन फ्रूट निर्यात करने से मना कर दिया है. बहुधा भारत ८५ फीसद ड्रैगन फुड युद्धग्रस्त क्षेत्रों से ही आयात करता है.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष अजय शाही ने कहा कि हम अफगानिस्तान में हो रहे विकास कार्यों पर तेजी से नजर बनाए हुए थे. अफगानिस्तान की कई परियोजनाओं में भारत ने भारी निवेश किया हुआ है, लेकिन अब तालिबान ने सत्ता पर काबिज होते ही भारत के साथ शुरू हुए तमाम व्यापारिक रिश्तों को ध्वस्त कर दिया है.उन्होंने कहा कि हम यह काफी पहले से ही देखते आ रहे हैं कि ड्रेगन फुट की कीमतों में पिछले काफी दिनों से तेजी देखी जा रही है.
भारतीय व्यापारियों की दुश्वारियां
वहीं, अफगानिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है, उससे खाड़ी बावली के व्यापारी काफी हताश हुए हैं. यहां व्यापारी अपनी व्यापारिक दुश्वारियां बयां करते हुए कहते हैं कि अब उन्हें अफगानिस्तान से माल नहीं आ पा रहा है. तालिबान की तऱफ से माल देने से मना कर दिया गया है. दुर्भाग्य यह रहा है कि यह सब कुछ त्योहार के मौसम में हो रहा है, जब हमारे पास अच्छा खासा लाभ कमाने का मौका रहता है. अब ऐसे में हमें अपना माल प्राप्त करने के लिए दूसरे स्रोत की तलाश करनी होगी. खैर, अब आगे चलकर तालिबान की स्थिति क्या कुछ रूख अख्तियार करती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.
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