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चावल-गेहूं-आटा की कीमत में 20% तक वृद्धि, अब अंडों, दूध व मांस की कीमतें छुएंगी आसमान

लोगों पर बढ़ते राशन के बोझ को कम करने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. जिसके तहत राशन के सामान पर बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जा सके.

लोकेश निरवाल
Increase in the price of rice-wheat-flour by 20%
Increase in the price of rice-wheat-flour by 20%

देश में लगातार बढ़ते राशन के दाम ने आम लोगों की जेब पर बहुत बुरा असर डाला है, जिसके चलते कई लोगों का जन-जीवन प्रभावित हो गया है. लोगों कि इस परेशानी को देखते हुए और तेजी से बढ़े चावल, गेहूं व आटे की कीमतों पर लगाम करने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है.

आपको बता दें कि सरकार ने हाल ही में राशन के दाम पर नियंत्रण करने के लिए इनके निर्यात पर रोक लगा दी है. लेकिन देखा जाए तो रोक लगाने के बाद भी देश में इनकी कीमतों में कोई गिरावट देखने को नहीं मिली है. बल्कि दाम में बढ़ोत्तरी जारी है.  एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल खाद्य उत्पादों की कीमतों में 20 प्रतिशत तक उछाल आया है. इस तेजी को देखते हुए खाद्य मंत्रालय ने कहा है कि आने वाले समय में चावल, गेहूं और आटे की कीमतों में तेजी का यह सिलसिला जारी रहने वाला है.

अगर हम बात करें इस साल खरीफ सीजन में चावल के उत्पादन कि तो इस साल कुल चावल की पैदावार 10.49 करोड़ टन तक रहने का अनुमान लगाया जा रहा है. लेकिन पिछले साल यह उत्पादन लगभग 11.7 लाख टन से भी अधिक था. 

देश में चावलआटे की कीमत में कितने प्रतिशत हुई बढ़ोतरी

पिछले साल की तुलना में चावल की खुदरा कीमत 9.03 प्रतिशत तक बढ़ी है और वहीं गेहूं की खुदरा कीमत (retail price of wheat) 14.39 प्रतिशत तक बढ़ी है.  इन दोनों से कई अधिक आटे के दाम में बढ़ोत्तरी हुई है. आटे 17.87 प्रतिशत तक महंगा हुआ है. अगर आप थोक के भाव में इन्हें खरीदते हैं, तो आपको चावल 10.16 प्रतिशत, गेहूं 15.43 प्रतिशत और आटे में 20.65 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ मिलेगा.

पहले भी लगाई गई थी निर्यात पर रोक (Export ban was imposed earlier also)

बता दें कि इससे पहले भी सरकार के द्वारा चावल के निर्यात पर रोक (ban on export of rice) लगाई गई है. यह रोक सितंबर महीने की 8 तारीख को जारी की गई थी. इस रोक के दौरान सरकार ने चावल की घरेलू उपलब्धता में बढ़ोतरी करने के लिए टुकड़ा चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन निर्यातकों की दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने हाल ही में अपने एक आदेश में कहा कि  “प्रतिबंध आदेश लागू होने से पहले जहाज पर टूटे चावल की लोडिंग शुरू हो गई है, जहां-जहां शिपिंग बिल दायर किया गया है और जहाजों को पहले ही बर्थ आ गया है और भारत में लंगर डाला गया है”. जिसमें सरकार ने पहले 15 सितंबर तक चावलों के निर्यात पर अनुमति दी और फिर अब 30 सितंबर 2022 तक इस अनुमति को बढ़ा दिया है.

now the prices of eggs, milk and meat will touch the sky
now the prices of eggs, milk and meat will touch the sky

दूधअंडे के दाम में होगी वृद्धि (Milk, egg prices will increase)

चावल के दाम में लगातार बढ़ोतरी हुई है. जहां पहले चावल 16 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से दिए जाते थे. वहीं अब यह 22 रुपए प्रति किलोग्राम के बिक रहे हैं. जिसका प्रभाव पोल्ट्री उद्योग पर सबसे अधिक देखने को मिला है. दरअसल मुर्गियों के दाने के रूप में इस्तेमाल होने वालों में टूटा चावल का सबसे अधिक उपयोग होता है.

चावल की कीमत में वृद्धि होने से मुर्गियों के दाने में 60-65 प्रतिशत खर्च बढ़ गया है. ये ही नहीं अन्य पशुओं के चारे के दाने की कीमतों में भी वृद्धि हुई है. जिसका सीधा असर दूध, अंडे और मांस की कीमतों पर पड़ रहा है. बाजार में अब इनकी कीमतों में भी धीरे-धीरे वृद्धि होना शुरू हो चुकी है.

English Summary: Increase in the price of rice-wheat-flour by 20%, now the prices of eggs, milk and meat will touch the sky Published on: 24 September 2022, 12:21 PM IST

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