बलिया, उत्तर प्रदेश – जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार की अध्यक्षता में बुधवार को कृषि भवन सभागार में किसान दिवस का आयोजन हुआ, जहां किसानों ने अपनी समस्याएं डीएम के सामने रखीं. सरकार के निर्देशानुसार हर महीने के तीसरे बुधवार को किसान दिवस का आयोजन किया जाता है, जिसमें किसान अपनी कृषि संबंधी समस्याओं को रखते हैं, और जिलाधिकारी द्वारा तुरंत समाधान किए जाते हैं. इस अवसर पर डीएम ने पिछले किसान दिवस की प्रगति रिपोर्ट का आकलन भी किया.
बैठक के दौरान डीएम ने बताया कि जिले में शासन द्वारा 67 क्रय केंद्र बनाने का लक्ष्य था, जबकि 68 क्रय केंद्र बनाए गए हैं. किसानों ने सोलर पंप के पैसे जमा नहीं होने की शिकायत की, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों को 214 किसानों की सूची तुरंत उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष संतोष पांडे और किसान संघ के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने जिले को सूखा ग्रस्त घोषित करने की मांग की. इसके साथ ही, उर्वरकों की कमी और सड़क के किनारे सूखे पेड़ों से बाधित बिजली की समस्या को भी उठाया. एक किसान ने बेलहरी ब्लॉक में दलहन की फसल मसूर के क्रय केंद्र खोलने की मांग की, जबकि अन्य किसानों ने नहर में पानी की कमी के कारण धान की फसल की सिंचाई न हो पाने की शिकायत की. कुछ किसानों ने विद्युत आपूर्ति से संबंधित समस्याओं का भी जिक्र किया. डीएम ने सभी अधिकारियों को किसानों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करने के निर्देश दिए.
इसके अलावा, गुरुवार को कृषि विभाग द्वारा आयोजित कृषक खरीफ गोष्ठी में त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम के तहत मक्का और तिलहनी फसलों की खेती पर चर्चा की गई. कृषि विज्ञान केंद्र सोहांव के वैज्ञानिकों ने मक्का, तोरिया, सरसों और मशरूम की व्यावसायिक खेती पर तकनीकी जानकारी दी. जिला कृषि अधिकारी पवन कुमार प्रजापति ने बीज वितरण पर मिलने वाले अनुदान, फसल सुरक्षा और रसायनों के सही उपयोग के बारे में जानकारी दी. उप कृषि निदेशक मनीष कुमार सिंह ने किसानों को संचालित कृषि योजनाओं के बारे में बताया और कहा कि बलिया जिले में "सत्तू" को एक जनपद एक उत्पादन योजना के तहत चयनित किया गया है, जिसके तहत 10,000 हेक्टेयर में चने की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक क्षेत्र में चने की खेती करने की अपील की.
गोष्ठी में मक्का की खेती पर भी विशेष जोर दिया गया. वैज्ञानिकों ने बताया कि मक्का अर्ध शुष्क जलवायु और निम्न गुणवत्ता वाली मिट्टी पर उगाई जा सकती है और इसे अनाजों की रानी कहा जाता है. मोटे अनाज के लाभ पर भी प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि ये अनाज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिनमें कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, लोहे, मैंगनीज, जिंक और बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन की प्रचुर मात्रा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं.
लेखक:
रबीन्द्रनाथ चौबे, ब्यूरो चीफ, कृषि जागरण, बलिया, उत्तरप्रदेश.
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